नयी दिल्ली : 16 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में हुए सामूहिक बलात्कार मामले में बार काउंसिलऑफ इंडिया (बीसीआइ) ने बचाव पक्ष के दो वकीलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. दानों वकीलों एमएल शर्मा और एपी सिंह को महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियांकरने के आरोप में शुक्रवार देर रात नोटिस भेजा गया.
नोटिस में दोनों वकीलों से पूछा गया है कि आखिर क्यों नहीं उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए. नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें तीन हफ्ते का समय दिया गया है. वहीं भेजे गए नोटिस के बारे में वकील एपी सिंह को कहना है कि उन्हें अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है.
दरअसल निर्भयाकांड पर बनी डॉक्यूमेंट्री ‘इंडियाज़ डॉटर डॉक्यूमेंट्री’ में बचाव पक्ष के वकील एमएएल शर्मा ने कहा था कि अगर आप मिठाई को सड़क पर रखेंगे तो कुत्ते उसे खाने के लिए आएंगे ही. उन्होंने कहा निर्भया के माता-पिता ने उसे इतनी देर रात क्यों भेजा. यह उनके माता-पिता की जिम्मेदारी थी कि वह पता करें कि उनकी बेटी कहां और किसके साथ जा रही है.
बीसीआइ के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने कहा हमने एमएल शर्मा और एपी सिंह को बीबीसी की डाक्यूमेंट्री में कथित टिप्पणियां करने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं. बीसीआइ ने अपनी कार्यकारिणी समिति की बैठक के बाद यह निर्णय लिया. समिति ने पाया कि प्रथम दृष्ट्या यह इन वकीलों के खिलाफ पेशेवर कदाचार का मामला है.
वकीलों को अधिवक्ता अधिनियम के प्रावधान के तहत नोटिस जारी किए गए हैं और यदि बीसीआई उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं होती है तो वकालत करने के उनके लाइसेंस रद्द किए जा सकते हैं. वकील एमएल शर्मा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने किसी से कुछ भी गलत नहीं कहा है.