सार्वजानिक स्थान पर थूका तो बनना पड़ेगा सफाई कर्मचारी
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने मोदी सरकार के स्वच्छता कार्यक्रम को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए एक अहम फैसला लेने की तैयारी में है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री के एक प्रस्ताव को मंजूरी मिलजाती है तो राज्य में तंबाकू चबाकर सार्वजानिक स्थानों में थूकने पर एक दिन के लिए सरकारी ‘सफाई कर्मचारी’ बनना पड़ेगा. […]
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने मोदी सरकार के स्वच्छता कार्यक्रम को एक कदम और आगे बढ़ाते हुए एक अहम फैसला लेने की तैयारी में है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री के एक प्रस्ताव को मंजूरी मिलजाती है तो राज्य में तंबाकू चबाकर सार्वजानिक स्थानों में थूकने पर एक दिन के लिए सरकारी ‘सफाई कर्मचारी’ बनना पड़ेगा. इस प्रस्ताव को राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने उनकी राय के लिए कानून और न्याय विभाग के पास भेजा है.
प्रस्ताव में कहा गया है कि अगर किसी भी व्यक्ति को तंबाकू चबाकर सड़क पर या किसी सार्वजानिक क्षेत्र में थूक फेकते देखा गया तो उसे आठ घंटे तक किसी सरकारी कार्यालय हॉस्पिटल में सफाई का काम करना पड़ेगा. स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने कहा कि तंबाकू चबाना, थूकना और तंबाकू उत्पादों की बिक्री करने पर सख्त कानून बनाए जाने की आवश्यकता है. तभी इससे होने वाली बीमारी से निजाद पायी जा सकती है. उन्होंने कहा कि तंबाकू चबाने और इसे थूकने वाले लोग जुर्माना चुकाने के लिए तैयार हो जाते हैं जो कि पर्याप्त नहीं है.
सावंत ने कहा कि लग्जरी कारों में बैठा शख्स अगर सड़क पर थूकता है तो उसे एक दिन के लिए सरकारी ऑफिस की सफाई के काम में लगाना चाहिए और अगर ड्राइवर ऐसी हरकत करता है तो कम से कम एक महीने के लिए उसका लाइसेंस निलंबित कर देना चाहिए. तभी ऐसे लोग सबक सीखेंगे.
सावंत ने पिछले हफ्ते विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग के बाद इस प्रस्ताव को रखा है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस पर कानून विभाग का नजरिया सकारात्मक होगा. नये सिस्टम में स्थानीय निकायों (पंचायत, नगरपालिका) को मॉनीटरिंग एजेंसी के रूप में काम करने वाले संगठनों का दर्जा दिया जाएगा. सावंत ने बताया कि पुलिस दोषियों को पकड़ने के बाद स्थानीय निकायों को सौंप देगी और वे प्रस्तावित कानून के मुताबिक उन्हें सजा देने का काम करेंगे.
सर्वाजानिक जगहों पर थूकना टीवी जैसी बीमारियों को निमंत्रण देता है. जन स्वास्थ्य विभाग के सह संयोजक डॉ अभय शुक्ला ने प्रस्ताव को सकारात्मक पहल बताता है. उन्होंने कहा कि सार्वजानिक जगहों पर साफ-सफाई को लेकर प्रस्तावित कानून के लिए फंड और स्टाफ की आवश्यक्ता है. हालांकि मुंबई में पहले से ही बीएमसी ने थूकने पर 200 रुपये जुमार्ना भरने का अभियान चलाया था लेकिन शिकयतों के बाद इसे रोक दिया गया.