गुवाहाटी : एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया ने आज मांग की कि नगालैंड में बलात्कार के आरोपी की पीट-पीटकर हत्या कर दिए जाने के मामले की जांच होनी चाहिए और भीड में शामिल लोगों को न्याय के कठघरे में खडा किया जाना चाहिए. एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यक्रम निदेशक समीर बाबू ने कहा, ‘यह आपराधिक न्याय प्रणाली में भारी चूक है और नगालैंड सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि भीड में शामिल हर एक शख्स को न्याय के कठघरे में खडा करना चाहिए.’
बाबू ने कहा, ‘ऐसा करने में नाकाम होने से यह संदेश जाएगा कि कोई भी आक्रोश में कुछ भी कर सकता है और इसे लोगों के गुस्से की अभिव्यक्ति के तौर पर सही ठहराने की कोशिश की जा सकती है.’ उन्होंने कहा, ‘नागालैंड के अधिकारियों को कानून का शासन बनाए रखना चाहिए. महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में सरकार को तीव्र एवं प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसे मामलों में स्वयंभू न्याय करने वालों को बर्बरता की इजाजत नहीं देनी चाहिए.’
सैयद फरीद खान को 24 फरवरी को दीमापुर में एक महिला से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार कर अगले दिन न्यायिक हिरासत के तहत दीमापुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया था. पांच मार्च को एक भीड जेल में घुस आई, खान को बाहर निकाला, उसे निर्वस्त्र कर दिया, पिटाई की, उस पर पत्थर फेंके और दीमापुर शहर की ओर सात किलोमीटर तक घसीट कर ले गए. जख्म के कारण रास्ते में उसकी मौत हो गई जिसके बाद भीड ने उसके शव को एक ‘क्लॉक टॉवर’ से सरेआम लटका दिया.