जम्मू कश्मीर : सरकार का पहला बड़ा फैसला, अलगाववादी नेता मुसरत आलम की हुई रिहाई
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में हुर्रियत के नेता मुसरत आलम को मुफ्ती मोहम्मद सईद की सरकार ने रिहा कर दिया है. हालांकि पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली पार्टी भाजपा इसका विरोध करती आयी है. मुसरत 2010 से जेल में बंद थे, उन पर जम्मू कश्मीर में हिंसा फैलाने का आरोप था. पीडीपी और […]
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में हुर्रियत के नेता मुसरत आलम को मुफ्ती मोहम्मद सईद की सरकार ने रिहा कर दिया है. हालांकि पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने वाली पार्टी भाजपा इसका विरोध करती आयी है.
मुसरत 2010 से जेल में बंद थे, उन पर जम्मू कश्मीर में हिंसा फैलाने का आरोप था. पीडीपी और भाजपा ने कॉमन मीनिमम कार्यक्रम के तहत कई एजेंडा तय किया है. जिसमें वैसे निर्दोष लोगों की रिहाई का जिक्र है, जो अबतक जेल में बंद हैं. सरकार ने इसी एजेंडा को लागू करते हुए सबसे पहले हुर्रियत नेता की रिहाई कर दी.
इस रिहाई पर भाजपा के कई नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज करायी है. जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद शपथ ग्रहण के ठीक बाद से विवादों में हैं. उन्होंने जम्मू कश्मीर में शांति पूर्ण ढंग से चुनाव कराने के लिए आतंकी और पड़ोसी मुल्क को भी योगदान बताया था. इस बयान के बाद भाजपा विरोधियों के घेरे में आ गयी थी. इस बयान को लेकर विरोधियों ने सरकार को संसद तक में घेर लिया था.
शिवसेना ने भी इस बयान के बाद अपने मुखपत्र सामना में सईद पर निशाना साधते हुए उन्हें गीदड़ की औलाद तक बता दिया. अब जम्मू कश्मीर के भाजपा और पीडीपी गंठबंधन की सरकार द्वारा लिये गये इस फैसले के बाद भाजपा अब एक नये विवाद में घिरती नजर आ रही है.