नई दिल्ली : वीवीआईपी हेलीकाप्टरों के सौदों में शामिल हेलीकाप्टरों का परीक्षण विदेश में कराने पर कथित रुप से जोर देने के लिए आलोचना का सामना कर रहे पूर्व वायुसेना प्रमुख एफ एच मेजर ने आज अपने निर्णय का यह कहते हुए बचाव किया कि वह चाहते थे कि आपूर्ति जल्द से जल्द हो सके.
मेजर ने टेलीविजन चैनलों से बात करते हुए कहा कि उनकी सिफारिश पर अंतिम निर्णय रक्षा मंत्रालय द्वारा लिया जाने वाला था और ‘‘यदि ऐसा नहीं किया जाना था तो उन्हें इसे बदल देना चाहिए था और हमें इस बारे में बता दिया जाना चाहिए था.’’
उन्होंने कहा कि उन्हें याद है कि हेलीकाप्टरों को भारत लाने में कुछ समस्याएं थीं क्योंकि उनकी ‘‘लागत कुछ अधिक हो रही थी’’ और परीक्षण विदेश में करने से कुछ अधिक अंतर नहीं पड़ता क्योंकि हेलीकाप्टरों की सीमा पहले ही 18 हजार फुट से घटाकर 15 हजार फुट कर दी गई थी.
कैग ने 3727 करोड़ रपये के हेलीकाप्टर सौदे में इस बात पर जोर देने के लिए आज मेजर की आलोचना की कि हेलीकाप्टरों का परीक्षण विदेश में हो जबकि रक्षा मंत्रालय और स्वयं रक्षामंत्री ए के एंटनी ने इस पर आपत्ति जताई थी और सवाल खड़े किये थे.