लोकसभा चुनाव में हार के बाद रो पड़े थे केजरीवाल

नयी दिल्ली: पूर्व पत्रकार और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने अपनी किताब ‘दि क्राउन प्रिंस, दि ग्लैडिएटर एंड दि होप’ में खुलासा किया है कि पिछले लोकसभा चुनाव के बाद कई नेता जब पार्टी छोडकर गए और योगेंद्र यादव जैसे नेताओं ने पार्टी के भीतर ‘‘सुप्रीमो स्टाइल’’ जैसे कामकाज पर सवाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 7, 2015 8:25 PM

नयी दिल्ली: पूर्व पत्रकार और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने अपनी किताब ‘दि क्राउन प्रिंस, दि ग्लैडिएटर एंड दि होप’ में खुलासा किया है कि पिछले लोकसभा चुनाव के बाद कई नेता जब पार्टी छोडकर गए और योगेंद्र यादव जैसे नेताओं ने पार्टी के भीतर ‘‘सुप्रीमो स्टाइल’’ जैसे कामकाज पर सवाल उठाए तो अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में रो पडे थे और इस्तीफे की पेशकश तक कर दी थी.

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पिछले साल छह-आठ जून को जंगपुरा में प्रशांत भूषण के आवास पर हुई थी. इस बैठक में लोकसभा चुनावों में हुई पार्टी की करारी हार पर चर्चा हुई थी. लेकिन पार्टी की हार के कुछ ही हफ्तों बाद केजरीवाल को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की ओर से दर्ज कराए गए मानहानि के मामले में बांड जमा करने से इनकार करने पर जेल भेज दिया गया था. हार के बाद यादव ने भी कामकाज का लोकतांत्रिक तरीका अपनाने की बजाय केजरीवाल के ‘‘सुप्रीमो स्टाइल’’ पर सवाल उठाए थे. एक अन्य नेता और कभी केजरीवाल की सहयोगी रही शाजिया इल्मी ने पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का अभाव बताते हुए पार्टी छोड दी थी.
किताब में आशुतोष ने लिखा है, ‘‘अरविंद के चेहरे पर मायूसी आ गई. वह उठे और कमरे से बाहर जाने के लिए माफी मांगी. उन्होंने कुछ बोलना शुरु किया था, पर उसे पूरा नहीं कर सके. वह रो पडे. उनके आंसू छुप नहीं सके. वह फर्श पर गिर पडे. अंजलि दमानिया (महाराष्ट्र में पार्टी की नेता) और मैं उनकी तरफ भागे. अंजलि ने उन्हें उठाया.’ इसके तुरंत बाद अंजलि रोने लगी और चिल्लाकर कहा, ‘‘हमें खुद पर शर्म आनी चाहिए. हमने उन्हें यही दिया है. कुछ समय बाद अरविंद शांत हुए. तब तक हर कोई उनके पास आ चुका था.’’
आशुतोष ने किताब में लिखा, ‘‘अरविंद ने कहा, ‘मैंने नौकरी और जिंदगी की दूसरी चीजें पार्टी का संयोजक बनने के लिए नहीं छोडी हैं. मैं यह सब चाहता भी नहीं हूं. कृपया किसी और को राष्ट्रीय संयोजक चुन लें’’. इसके बाद एक बार फिर उनकी आंखें भीग गई.’’ उस बैठक का हिस्सा रहे नेताओं ने कहा कि केजरीवाल तीन बार रोए थे.

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