नयी दिल्ली : एक सडक दुर्घटना में विकलांग हुए सीआईएसएफ के एक सिपाही को मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने आठ लाख रुपये से अधिक का मुआवजा देने का आदेश दिया है. न्यायाधिकरण ने एचडीएफसी एर्गो जनरल इन्श्योरेन्स कंपनी लिमिटेड को आदेश दिया कि वह विवेक सिंह को दुर्घटना में आई विकलांगता के लिए 8,18,000 रुपये का मुआवजा दे.
जिस वाहन से विवेक दुर्घटनाग्रस्त हुआ था उस वाहन का बीमा एचडीएफसी एर्गो जनरल इन्श्योरेन्स कंपनी लिमिटेड ने ही किया था. फैसला देते समय न्यायाधिकरण ने पीडित की गवाही और वाहन के चालक के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर भरोसा किया.
एमएसीटी के पीठासीन अधिकारी के एस मोही ने बताया ‘अभियोजन पक्ष के गवाह संख्या एक (विवेक सिंह) ने घटना के बारे में बताया और कहा कि हादसे के बाद, (दुर्घटना करने वाले) वाहन का चालक उसे अस्पताल ले गया और वहां से फरार हो गया. इससे तेज गति एवं लापरवाही से गाडी चलाए जाने का मामला साफ हो जाता है.’ सिंह की याचिका में कहा गया है कि पांच जून 2012 को दोपहर करीब साढे बारह बजे वह मोटरसाइकिल से अपने घर से यूपीएससी जा रहा था.
कोटला मुबारकपुर में टिम्बर मार्केट के पास लापरवाही से तथा तेज गति से आ रहे एक वाहन ने पीछे से उसकी बाइक को ठोकर मार दी. याचिका के अनुसार, सिंह सडक पर गिर गया, उसके दाहिने घुटने में फ्रैक्चर हो गया तथा पूरे शरीर में गंभीर चोटें आईं. जिस वाहन ने सिंह की बाइक को ठोकर मारी थी उस वाहन के चालक ने सिंह को उठाया और सफदरजंग अस्पताल ले गया.
सिंह को दो दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिली. उसके दाहिने पैर में 33 फीसदी विकलांगता आ गयी थी. सिंह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में सिपाही था और उसका मासिक वेतन 26,408 रुपये प्रति माह था. उसने एमएसीटी में याचिका दायर कर 10 लाख रुपये का मुआवजा मांगा. उसकी बाइक को ठोकर मारने वाले वाहन के चालक और मालिक ने आरोपों तथा दुर्घटना की बात नकार दी थी.