तेजाब हमलों की पीडित महिलाएं अब दिखेंगी कैलेंडर पर

नयी दिल्ली : उनकी आंखों में भी सपने थे. सौंदर्य की चाहत उनके दिलों में भी थी। लेकिन तेजाब के हमलों ने उनकी दुनिया पूरी तरह बदल दी और उनके सपनों को लहूलुहान कर दिया. कुछ यही अहसास कराता है एक नया कैलेंडर जिसमें नजर आती हैं तेजाब पीडित महिलाएं.यह कैलेंडर ‘स्टॉप एसिड अटैक्स’ अभियान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2015 1:55 PM

नयी दिल्ली : उनकी आंखों में भी सपने थे. सौंदर्य की चाहत उनके दिलों में भी थी। लेकिन तेजाब के हमलों ने उनकी दुनिया पूरी तरह बदल दी और उनके सपनों को लहूलुहान कर दिया. कुछ यही अहसास कराता है एक नया कैलेंडर जिसमें नजर आती हैं तेजाब पीडित महिलाएं.यह कैलेंडर ‘स्टॉप एसिड अटैक्स’ अभियान की तीसरी सालगिरह पर जारी किया गया है तथा यह एक गैर सरकारी संगठन ‘छांव’ की पहल है.

‘स्टॉप एसिड अटैक्स’ अभियान तथा ‘छांव’ के एक सदस्य आशीष शुक्ला ने बताया ‘‘यह विचार एक बहस से उपजा जो कि सौंदर्य के वास्तविक अर्थ, सौंदर्य की परिभाषा के बारे में समाज की वर्तमान सोच तथा किसी कारणवश भौतिक सुंदरता से वंचित हो चुके व्यक्तियों के प्रति धारणा पर केंद्रित थी.’’ यह कैलेंडर आम कैलेंडरों से अलग है. ‘बेलो’ शीर्षक वाले इस कैलेंडर में तेजाब हमलों की 12 पीडितों की तस्वीरें हैं जो मार्च 2015 से फरवरी 2016 के बीच इस भयावह त्रसदी की शिकार हुईं.

कैलेंडर में तेजाब पीडित महिलाओं की तस्वीरें उनके उन सपनों का अहसास कराती हैं जो इस भयावह हमले से झुलस चुके हैं. यह तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त फोटोग्राफर राहुल सहारन ने खींची हैं. पहले राहुल द्वारा तेजाब पीडित लक्ष्मी, रुपा, रितु, सोनिया और चंचल की खींची गई तस्वीरें अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चर्चित हो चुकी हैं. कैलेंडर की कवर फोटो खुद आशीष शुक्ला ने डिजाइन की है. उन्होंने बताया ‘‘हम आठ मार्च को यह कैलेंडर जारी कर रहे हैं जो हमारा स्थापना दिवस भी है. कैंलेंडर का अगला संस्करण ठीक एक साल बाद जारी किया जाएगा.’’

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