आरएसएस की प्रतिनिधि सभा की बैठक में होंगे संगठनात्मक चुनाव
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक नागपुर में 13 मार्च से होने जा रही है जिसमें देशभर के संघ के प्रतिनिधि सरकार्यवाह एवं सह सरकार्यवाह का चुनाव करेंगे. इसके साथ ही बैठक में जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार की पृष्ठभूमि में अनुच्छेद 370, घर वापसी, किसानों से जुडे विषय […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक नागपुर में 13 मार्च से होने जा रही है जिसमें देशभर के संघ के प्रतिनिधि सरकार्यवाह एवं सह सरकार्यवाह का चुनाव करेंगे. इसके साथ ही बैठक में जम्मू कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार की पृष्ठभूमि में अनुच्छेद 370, घर वापसी, किसानों से जुडे विषय समेत विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है.
संघ के एक पदाधिकारी ने कहा कि नागपुर में 13 से 15 मार्च तक प्रतिनिधि सभा की बैठक होने जा रही है जिसमें संगठनात्मक चुनाव होंगे. संघ में प्रत्येक तीन वर्ष में संगठनात्मक चुनाव होते हैं जिसमें सरकार्यवाह और सह सरकार्यवाह का चुनाव होता है. इस बार नागपुर में प्रतिनिधि सभा की बैठक में संगठनात्मक चुनाव होंगे. संघ में अभी सुरेश भैयाजी जोशी सरकार्यवाह हैं जबकि सुरेश सोनी, दत्तात्रेय होसबले और कृष्ण गोपाल सह सरकार्यवाह हैं.
उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि सभा की बैठक में देश भर से करीब साढे तेरह सौ प्रतिनिधि चुनाव में हिस्सा लेंगे. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब पिछले सप्ताह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सरसंघचालक मोहन भागवत समेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शीर्ष पदाधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं.
जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन में भाजपा की सरकार बनने और मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा राज्य में शांतिपूर्ण चुनाव का श्रेय पाकिस्तान और अलगाववादियों को देने वाले बयान की पृष्ठभूमि में इस बैठक को अहम माना जा रहा है.
समझा जाता है कि अमित शाह की संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात में पीडीपी-भाजपा गठबंधन के न्यूनतम साझा कार्यक्रम, सईद के विवादास्पद बयान, अनुच्छेद 370 पर स्थिति और भूमि अधिग्रहण विधेयक पर चर्चा हुई. सईद के बयान से विवाद खडा हो गया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में स्पष्टीकरण देना पडा कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री की राय से सहमत नहीं है.
प्रतिनिधि सभा की बैठक ऐसे समय में हो रही है जब विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक पर सरकार कुछ सहयोगी दलों समेत विपक्ष एवं मजदूर संगठनों के निशाने पर है. संघ से जुडे मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संघ ने भी भूमि अधिग्रहण विधेयक पर सरकार के रुख की आलोचना की है. बैठक में संघ के विस्तार पर भी चर्चा होगी. संघ के पदाधिकारी ने कहा कि पिछले वर्ष संगठन से 1.25 युवक जुडे थे.