अब पीडीपी विधायक ने मंत्रालय को लेकर नाराजगी जताई

जम्मू-श्रीनगर: हफ्ते भर पुरानी मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार के सामने मंत्रालयों को लेकर दिक्कतें कम नहीं हो रहीं हैं और अब प्रमुख शिया नेता इमरान रजा अंसारी ने आज मंत्री पद नहीं ग्रहण करने की बात करते हुए दावा किया कि उनके समर्थक दबाव बना रहे हैं कि वह कम महत्व वाले मंत्रालय को नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2015 7:29 PM

जम्मू-श्रीनगर: हफ्ते भर पुरानी मुफ्ती मोहम्मद सईद सरकार के सामने मंत्रालयों को लेकर दिक्कतें कम नहीं हो रहीं हैं और अब प्रमुख शिया नेता इमरान रजा अंसारी ने आज मंत्री पद नहीं ग्रहण करने की बात करते हुए दावा किया कि उनके समर्थक दबाव बना रहे हैं कि वह कम महत्व वाले मंत्रालय को नहीं संभालें. दिवंगत मौलवी इफ्तिखार हुसैन अंसारी के बेटे और पाटन से पीडीपी विधायक 42 वर्षीय इमरान जम्मू से श्रीनगर पहुंचे और उन्होंने खुद को खेल और युवा मंत्रालय तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय दिये जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अपने क्षेत्र के लोगों से मुलाकात की.

कुछ दिन पहले ही पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता और अलगाववाद से राजनीति में आये सज्जाद लोन ने पशुपालन और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्रालय मिलने पर नाराजगी जताई थी. हालांकि अब उन्होंने इस तरह की किसी बात से इनकार किया है और वह जल्द ही अपना कामकाज संभाल सकते हैं.
लोन ने कहा, ‘‘मुझे कुछ निजी कारणों से श्रीनगर आना पडा था और कृपया मेरी निजता का सम्मान कीजिए.’’ ऐसा लगता है कि भाजपा नेतृत्व से बातचीत के बाद लोन के रख में बदलाव आया. हालांकि इमरान के तब तक कैबिनेट में शामिल होने की संभावना नहीं है जब तक पीडीपी नेता इस मुद्दे पर ध्यान नहीं देते. इमरान ने श्रीनगर में कहा, ‘‘मुझे कोई समस्या नहीं है लेकिन मेरे समर्थक मुझ पर मंत्री पद नहीं संभालने के लिए दबाव बना रहे हैं.’’
प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा कि यह मुद्दा साझा न्यूनतम कार्यक्रम में नहीं है.वहीं दूसरी ओर, पीडीपी प्रवक्ता और शिक्षा मंत्री नईम अख्तर ने कहा कि फैसला सीएमपी के अनुरुप है जो जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित करने के लिए सभी साङोदारांे को शामिल करने का जिक्र करता है.अख्तर ने बताया, ‘‘इसे (आलम की रिहाई) उपयुक्त संदर्भ में देखना होगा. सुलह और शांति के लिए राज्य में तथा सीमा पार के सभी भागीदारों को शामिल करना हमारे साझा न्यूनतम कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप भागीदारों के साथ वार्ता करना चाहते हैं, जिनमें ये नेता शामिल हैं, तो आप उनके खिलाफ बगैर ठोस कारण के उन्हें जेल में रख कर उनसे बात नहीं कर सकते.’’ अख्तर ने कहा कि अदालत ने कुछ नेताओं की हिरासत पर हस्तक्षेप किया और उनकी रिहाई सुनिश्चित हुई.
आलम की रिहाई पर भाजपा के विरोध के बारे में पूछे जाने पर पीडीपी प्रवक्ता ने कहा कि वह इस पर सार्वजनिक बहस में नहीं कूदना चाहते. ‘उनके अपने विचार हैं लेकिन मैं इस मुद्दे पर सार्वजनिक चर्चा में शामिल नहीं होना चाहता. यह हमारी सीएमपी का हिस्सा है.’’ एक अन्य पीडीपी नेता और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एवं युवा सेवा तथा खेल मंत्री इमरान अंसारी ने दावा किया कि आलम की रिहाई के आदेश को लागू करने में भाजपा पीडीपी के साथ थी.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि भाजपा को कोई ऐतराज है. वे हमारे साथ हैं. हमारी गठबंधन सरकार है. मुङो नहीं लगता कि उसे मुद्दा बनाना सही चीज है. अदालतों ने उन्हें रिहा किया और गृह मंत्रालय ने आदेश को तामील किया. ’’ वहीं, दूसरी ओर जुगल किशोर शर्मा ने जोर देते हुए कहा, ‘‘इस कदम पर भाजपा की सहमति नहीं थी. न ही ऐसा फैसला किए जाने से पहले भाजपा से संपर्क किया गया.’’
वर्ष 2010 में कश्मीर में व्यापक प्रदर्शनों के सिलसिले में साढे चार साल की हिरासत के बाद आलम को कल रिहा किया जिसमें 100 से अधिक लोग मारे गए थे.भाजपा नेता ने कहा है, ‘‘मुसर्रत आलम को रिहा करने से पहले हमसे नहीं पूछा गया. यदि उन्होंने हमसे पूछा होता तो हमने अपनी ओर से मंजूरी नहीं दी होती और यहां तक कि आज भी इस फैसले के साथ हमारी सहमति नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे लोगों को रिहा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि वे सिर्फ भारत विरोधी जहर उगलेंगे..यदि आप ऐसे लोगों को बगैर किसी शर्त के छोडते हैं तो हमेशा ही ऐसे (अलगाववादी) नारे लगाएंगे. ’’उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर भाजपा के अंदर चर्चा होगी.
उन्होंने कहा, ‘‘हम पीडीपी को अपना रुख स्पष्ट करेंगे. भाजपा किसी पार्टी पर निर्भर नहीं है. भाजपा अपने बूते सत्ता में है.’’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने जम्मू कश्मीर के विकास के लिए और राज्य के लोगों की बेहतरी के लिए पीडीपी से हाथ मिलाया था. ’’
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा सरकार से निकल जाएगी, उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति नहीं आई है. हम अपने साङोदार के साथ बैठेंगे और एक फैसला :ऐसे मुद्दे के बारे में : लेंगे ताकि भविष्य में ऐसे कदम नहीं उठाए जाएं.’’ भाजपा विधायक रविंद्र रैना ने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्र के अपमान को कभी बर्दाश्त नहीं करेगी. ‘‘मुशर्रत आलम एक दुर्दांत आतंकवादी है और हम राष्ट्र के गौरव के लिए ऐसी हजार सरकारें कुर्बान करने को तैयार हैं.’’ हालांकि आलम को फिर से गिरफ्तार करने को मुख्यमंत्री को कहे जाने के सवालों से बचते हुए शर्मा ने कहा, ‘‘हमारे वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री तथा अन्य कैबिनेट मंत्री श्रीनगर में हैं. हम उनके लौटने पर इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे.’’
इस बीच, प्रदेश भाजपा प्रमुख ने भरोसा जताया कि गठबंधन सरकार अपना छह साल का कार्यकाल पूरा करेगी. आलम की रिहाई सीएमपी का हिस्सा होने और उसकी रिहाई से पहले भाजपा को विश्वास में लिए जाने संबंधी पीडीपी के एक नेता के बयान पर टिप्पणी करने को कहे जाने पर शर्मा ने कहा, ‘‘मैं आपसे जो कह रहा हूं वह सच है. आलम की रिहाई के बारे में हमे कोई पूर्व जानकारी नहीं थी.’’
यह पूछे जाने पर कि भविष्य में इस तरह के फैसले लिए जाने पर क्या उनकी पार्टी सरकार से हट जाएगी, उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल हमारा समर्थन वापस लेने का कोई सवाल नहीं है.’’जम्मू कश्मीर के पार्टी प्रभारी और सांसद अविनाश राय खन्ना ने कहा, ‘यह सरकार सीएमपी पर बनी है और सरकार को सीएमपी का पालन करना चाहिए.
वह बैठक में भाग लेने के लिए विशेष रुप से पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि हमने आलम की रिहाई के खिलाफ प्रदर्शन किया है और मैं आपसे अवश्य कहूंगा कि भाजपा को इस फैसले के लिए विश्वास में नहीं लिया गया.नौशेरा से विधायक रैना ने कहा कि भाजपा आलम की रिहाई के खिलाफ प्रदर्शन करेगी. वह एक आतंकवादी है. वह सीमा पार कर पाकिस्तान गया और कश्मीर में सुरक्षा बलों के कई शिविरों पर हमले की योजना बनाई तथा उसे अंजाम दिया.

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