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मंदसौर में पांच अगस्त को ही मना लिया गया स्वतंत्रता दिवस

इंदौर : देश कल 15 अगस्त को अपना 67वां स्वतंत्रता दिवस जोशो-खरोश के साथ मनाने को तैयार है. लेकिन मध्यप्रदेश के मंदसौर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में आजादी के इस उत्सव को हिंदू पंचांग के आधार पर श्रावण कृष्ण चतुर्दशी को भक्तिभाव से मनाये जाने की परंपरा है. परंपरा के मुताबिक इस पवित्र शिव मंदिर में […]

इंदौर : देश कल 15 अगस्त को अपना 67वां स्वतंत्रता दिवस जोशो-खरोश के साथ मनाने को तैयार है. लेकिन मध्यप्रदेश के मंदसौर स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में आजादी के इस उत्सव को हिंदू पंचांग के आधार पर श्रावण कृष्ण चतुर्दशी को भक्तिभाव से मनाये जाने की परंपरा है.

परंपरा के मुताबिक इस पवित्र शिव मंदिर में स्वतंत्रता का राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त से 10 दिन पहले ही मना लिया गया.पशुपतिनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित उमेश जोशी ने आज बताया, 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ, तब पंचांग के मुताबिक श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी थी। लिहाजा हम करीब दो दशक से स्वतंत्रता दिवस को इस तिथि के अनुसार पशुपतिनाथ मंदिर में पूजापाठ करके मना रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस बार श्रावण कृष्ण चतुर्दशी की तिथि पांच अगस्त को पड़ी और इस दिन पशुपतिनाथ मंदिर में परंपरानुसार स्वतंत्रता दिवस मनाया गया.

जोशी ने बताया कि यहां से करीब 225 किलोमीटर दूर शिवना नदी के किनारे स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में श्रावण कृष्ण चतुर्दशी को स्वतंत्रता दिवस पर दूर्वा :पूजन में प्रयोग होने वाली खास तरह की घास: के जल से अष्टमुखी शिवलिंग का परंपरागत अभिषेक किया गया और देश की खुशहाली की प्रार्थना की गयी.

उन्होंने कहा कि हिंदू मान्यताओं के मुताबिक दूर्वा के जल से शिवलिंग का अभिषेक करने से दुष्ट ग्रहों का प्रभाव कम होता है. हर साल स्वतंत्रता दिवस पर पशुपतिनाथ मंदिर में शिवलिंग का अभिषेक दूर्वा के जल से इस कामना के साथ किया जाता है कि देश बुरी ताकतों से सुरक्षित रहे.

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