शक के दायरे में सरकार ,पीएम इस्तीफा दें: भाजपा
नयी दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन मामले उच्चतम न्यायालय में सीबीआई के हलफनामे को गंभीर चिंता का विषय करार देते हुए भाजपा ने आज कहा कि उसे संप्रग सरकार की नैतिकता पर गहरा संदेह है और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को तत्काल पद छोड़ देना चाहिए. राज्यसभा में भाजपा के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से […]
नयी दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन मामले उच्चतम न्यायालय में सीबीआई के हलफनामे को गंभीर चिंता का विषय करार देते हुए भाजपा ने आज कहा कि उसे संप्रग सरकार की नैतिकता पर गहरा संदेह है और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को तत्काल पद छोड़ देना चाहिए.
राज्यसभा में भाजपा के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि शीर्ष अदालत में पेश सीबीआई के हलफनामे से सरकार के कामकाज के तौर तरीकों पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं. इससे साबित हो गया है कि कानून मंत्री सच नहीं बोल रहे थे और संवैधानिक पद पर बैठे अटर्नी जनरल भी सच नहीं बोल रहे थे. यहां कोई व्याकरण संबंधी अशुद्धि को ठीक नहीं किया जा रहा था बल्कि पूरी प्रगति रिपोर्ट की गंभीरता को कम करने की कोशिश की जा रही थी.
उन्होंने दावा किया कि इस बदलाव के लिए कानून मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी दबाव डाल रहे थे. ऐसे में कानून मंत्री अश्विनी कुमार को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए. प्रसाद ने कहा कि कानून मंत्री के इस्तीफा देने से प्रधानमंत्री सीधे निशाने पर आ जायेंगे, इसलिए अश्विनी कुमार का बचाव किया जा रहा है. भाजपा नेता ने कहा कि भारत सरकार के कानून मंत्री ने अपने कार्यालय में बैठक बुलायी. इसमें सीबीआई के निदेशक, अटार्नी जनरल, अतिरिक्त सॉलिटिर जनरल, प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव बैठक में मौजूद थे. लेकिन इस बैठक का मिनट तैयार नहीं किया गया. इसका क्या अर्थ है.
भाजपा नेता ने कहा, इससे संकेत मिलता है कि इस बैठक को जानबूझकर गुमनामी के अंधेरे में रखने की कोशिश की गई ताकि सच्चाई सामने नहीं आ सके. और अगर ऐसी कोई बात सामने आये तो अपना पल्ला झाड़ सके और पकड़े जाएं तो इससे इनकार कर दें. प्रसाद ने आरोप लगाया कि भारत के कानून मंत्री ने सच नहीं बोला और इनका बचाव करने वाले मंत्रियों ने सच नहीं बोला. बैठक बुलायी गयी और रिपोर्ट में बदलाव के लिए दबाव डाला गया.
उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिव किस हैसियत से बैठक में शामिल हुए थे और उन्हें किसने बैठक में शामिल होने के लिए अधिकृत किया था. वे प्रधानमंत्री या प्रधान सचिव में से किसके कहने पर बैठक में शामिल हुए और किस हैसियत से बदलाव का सुझाव दिया. प्रसाद ने कहा, इसका जवाब सामने आना चाहिए. देश की जनता को इसकी जानकारी मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा, इस पूरे प्रकरण से कोयला मंत्री के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की भूमिका संदेह के घेरे में आती है.
इससे हमारी पार्टी की प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग सही साबित होती है. गौरतलब है कि सीबीआई के निदेशक ने उच्चतम न्यायालय में अपने हलफनामे में कोयला ब्लाक आवंटन मामले की स्थिति रिपोर्ट में कानून मंत्री द्वारा बदलाव किए जाने की बात कही है.
रेल मंत्री इस्तीफा दें : भाजपा
रेल रिश्वत मामले में विपक्ष के प्रहारों का सामना कर रहे रेल मंत्री पवन कुमार बंसल के इस्तीफे की मांग करते हुए भाजपा ने आज कहा कि सीबीआई इस मामले में बंसल से भी पूछताछ करे.
राज्यसभा में भाजपा के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि रेलगेट प्रकरण में यह बात भी सामने आई है कि रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष को भी प्रभावित करने की कोशिश की जा रही थी और रेल मंत्री के भांजे ने मंत्री के सचिव से 40 बार बात की.
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि रेल मंत्रालय के सभी पद बाजार में लगे हुए हैं , सिर्फ इन्हें खरीदने की क्षमता होनी चाहिए. प्रसाद ने कहा, ऐसी स्थिति में रेल मंत्री को इस्तीफा क्यों नहीं देना चाहिए. रेल मंत्री का इस्तीफा राजनीतिक जवाबदेही और नैतिकता के आधार पर ही नहीं बल्कि निष्पक्ष जांच के लिए भी जरूरी है.
बंसल पर चुटकी लेते हुए भाजपा नेता ने कहा कि ऐसी खबरें आई है कि एक कंपनी (बंसल के पुत्र से जुड़ी) जिसका पांच वर्ष पहले शून्य विकास दर था, उसने इस अवधि में अभूतपूर्व विकास दर्ज किया है.
काश, भारत का विकास दर भी ऐसा होता. उन्होंने कहा कि इस मामले की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत जांच हो और सीबीआई बंसल से भी पूछताछ करे.