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LIVE : अलगाववादी मसरत आलम की रिहाई पर संसद में हंगामा, पीएम मोदी ने कहा देशहित से नहीं करेंगे समझौता

नयी दिल्ली :अलगाववादी मसरत आलम की रिहाई के सवाल पर लोकसभा में दिये अपने बयान में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के गृह मंत्रालय ने आरंभिक रिपोर्ट भेजी है. उन्होंने कहा कि हम इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं. इस संबंध में और विस्तृत जानकारी मिलने पर उससे सदन व देश को […]

नयी दिल्ली :अलगाववादी मसरत आलम की रिहाई के सवाल पर लोकसभा में दिये अपने बयान में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के गृह मंत्रालय ने आरंभिक रिपोर्ट भेजी है. उन्होंने कहा कि हम इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं हैं. इस संबंध में और विस्तृत जानकारी मिलने पर उससे सदन व देश को अवगत कराया जायेगा. राजनाथ ने कहा कि देश हित व राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जायेगा.

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में सरकार बनने को बाद जो कुछ गतिविधियां हो रही हैं, वे न तो भारत से मशविरा कर हो रही हैं और न जानकारी देकर हो रही है. उन्होंने कहा कि इस मुददे पर सदन और राष्ट्र के आक्रोश से मैं अपना स्वर मिलाता हूं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित से कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने कहा कि भाजपा वहां सरकार में हिस्सेदार है इसलिए उसका विरोध करना आपका हक है, लेकिन हम ऐसा नहीं करें कि देश की एकता के बारे में कश्मीर, देश व दुनिया में भिन्न स्वर जाये. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी हरकतों को किसी भी तरह स्वीकार नहीं करती. उन्होंने कहा कि संविधान की मर्यादाओं में ही कदम उठाये जायेंगे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित से कोई समझौता नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि हमने अपने इन्हीं आदर्शो पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी को बलि दिया है, इसलिए हमें देशभक्ति नहीं सिखायें.

अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई के बाद सरकार को सड़क से लेकर संसद तक विरोध का सामना करना पड़ रहा है. सदन के दोनो सदनों में सरकार से इस मुद्दे पर जवाब की मांग की जा रही है. लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मसरत की रिहाई पर सवाल करते हुए कहा, ऐसे व्यक्ति को कैसे रिहा किया गया जिस पर देशद्रोह का आरोप है. ऐसे लोगों को छोड़ना देश के लिए एक बड़ा खतरा है. खड़ेगे ने यह सवाल खड़ा किया कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद अकेले यह फैसला नहीं ले सकते. इस तरह का फैसला केंद्र सरकार के सहयोग के बगैर नहीं लिया जा सकता.

संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडूने संसद में इसके जवाब में कहा, केंद्र की इसमें कोई भूमिका नहीं है. इस पूरे मामले पर गृह मंत्री लोकसभा में जवाब देंगे. जबकि विपक्ष प्रधानमंत्री से जवाब की मांग कर रहा है. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी कहा कि चुकि यह मामला गृह विभाग से संबंधित है इसलिए इसका जवाब गृहमंत्री राजनाथ सिंह देंगे.

उधर राज्यसभा में इस मुद्दे पर सबसे पहले बसपा प्रमुख मायावती ने सवाल खड़े किये. इसके बाद दूसरे नेताओं ने भी मसरत की रिहाई का विरोध किया और सरकार से जवाब मांगा. अरुण जेटली ने इन सवालों के जवाब में कहा, हमारी पार्टी राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय में कभी समझौता नहीं करेगी. इस पूरे मुद्दे पर गृह मंत्री बयान देंगे. गौरतलब है कि मसरत पर संसद में कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव पेश किया है. कांग्रेस मांग कर रही है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए. लोकसभा में हंगामे के पूरे आसार हैं, दूसरी तरफ सरकार भी जवाब के लिए पूरी तरह तैयार हैं. गृहमंत्री राजनाथ सिंह इस मुद्दे पर लोकसभा में बयान देंगे.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह जब मसरत आलम की रिहाई पर सदन में बयान देंगे, उस समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उपस्थित रहेंगे. मोदी गृहमंत्री के बयान के दौरान हस्तक्षेप कर अपनी बात कहेंगे यानी वे इस मुददे पर अपना पक्ष स्पष्ट करेंगे.

दूसरी तरफ जम्मू कश्मीर की सरकार ने रिहाई को जायज बताते हुए कहा है कि न्यायिक प्रकिया के आधार पर मसरत को रिहा किया गया है. रिहाई को लेकर विपक्षी दल काफी विरोध जता रहे हैं. विपक्षी दल इस मामले पर सदन में चर्चा की मांग कर रहे हैं. बीजेपी मसरत की रिहाई मामले में बैकफुट पर है.
भाजपा इस रिहाई को लेकर कड़ा विरोध जता चुकी है, लेकिन मफ्ती मोहम्मद सईद पर इस विरोध का कोई प्रभाव नहीं पड़ा. जम्मू कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष जुगलकिशोर शर्मा ने कहा कि हमें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं थी. इस फैसले में हम शामिल नहीं हैं.

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