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मुफ्ती से मिल भाजपा विधायकों ने जतायी आपत्ति, अब भाजपा-पीडीपी की कमेटी करेगी रिहाई पर फैसला

जम्मू : जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के विवादित फैसलों पर आज राज्य के भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से मिल कर अपना विरोध जताया और उन्हें ज्ञापन सौंपा. मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान भाजपा विधायकों ने अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई पर अपनी नाराजगी प्रकट की. भाजपा विधायकों की […]

जम्मू : जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के विवादित फैसलों पर आज राज्य के भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद से मिल कर अपना विरोध जताया और उन्हें ज्ञापन सौंपा. मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान भाजपा विधायकों ने अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई पर अपनी नाराजगी प्रकट की. भाजपा विधायकों की इस शिकायत पर मुख्यमंत्री सईद ने भाजपा विधायकों को आश्वासन दिया कि भविष्य में जम्मू कश्मीर में रिहाई का फैसला एक समिति के विचार के बाद लिया जायेगा.इस दौरान भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री से मांग की कि अविलंब मसरत आलम की गिरफ्तारी की जाये.

भाजपा विधायकों के अनुसार, रिहाई संबंधी समितिसमिति में कुल आठ सदस्य शामिल होंगे, जिसमें चार भाजपा के और चार पीडीपी के सदस्य होंगे. भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री से कहा कि पिछले नौ दिनों में मुख्यमंत्री के फैसले से तीन बड़े विवाद उत्पन्न हो गया. पहला विवाद उनके इस बयान पर हुआ कि राज्य में सफल चुनाव कराने में अलगाववादी, पाकिस्तान पोषित आतंकी का हाथ है, दूसरा उनकी पार्टी ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के शव के अवशेषों की मांग उठा डाली, तीसरा विवाद मुफ्ती के इस फैसले से उत्पन्न हुआ कि जेल में बंद अलगाववादी नेता मसरत आलम को उन्होंने रिहा कर दिया.
संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज इस मुद्दे पर बयान दिया और राज्य सरकार के फैसले से अपनी नाराजगी व असहमति जाहिर की. प्रधानमंत्री व गृहमंत्री ने देश व सदन को आश्वस्त किया कि राष्ट्रहित के मुद्दे से किसी तरह का समझौता नहीं किया जायेगा. हालांकि, इस मुद्दे पर पीडीपी ने अपनी ओर से यह बयान भी दे दिया कि हम गलत तरीके से किसी को जेल में नहीं रख सकते हैं. साथ ही पार्टी ने यह भी कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है, इसलिए इस संबंध में केंद्र व प्रधानमंत्री कार्यालय को जानकारी देना जरूरी नहीं है.

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