नयी दिल्ली : भूमि अधिग्रहण विधेयक पर विपक्ष के भारी विरोध का सामना कर रही सरकार ने आज संसद में कहा कि वह इस बारे में विपक्ष द्वारा लाये गये कुछ संशोधनों को सरकारी संशोधनों के रूप में अपना सकती है. उसने कहा कि वह किसानों के हक में कुछ संशोधन करने को तैयार है. लोकसभा में आज भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता अधिकार (संशोधन) विधेयक 2015 पर शुरू हुई चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘सरकार कुछ संशोधनों के लिए तैयार है जो राज्यों और विभिन्न समुदायों के हित में हों.’
उन्होंने कहा, ‘विपक्ष की ओर से इस विधेयक पर 52 संशोधन आए हैं और सरकार उन पर गौर करेगी. जो भी अच्छे सुझाव होंगे, उम्मीद है कि मंत्री उन्हें ध्यान में रखकर उचित संशोधन लाएंगे.’ डेढ दो साल पहले विपक्ष में रहते हुए संप्रग सरकार की ओर से लाये गये भूमि अधिग्रहण विधेयक का समर्थन करने के बाद अब सरकार में आने पर दूसरा विधेयक लाये जाने की आलोचनाओं का जवाब देते हुए नायडू ने कहा कि स्वयं कांग्रेस और विपक्ष के कुछ अन्य दलों द्वारा शासित राज्यों और उनके मुख्यमंत्रियों ने नया भूमि अधिग्रहण विधेयक लाने की जोरदार मांग की थी.
उन्होंने कहा कि संप्रग शासन के समय ही कांग्रेस शासित कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने ही नहीं बल्कि तत्कालीन केंद्रीय मंत्रियों ने भी उस समय के भूमि अधिग्रहण विधेयक में खामियां बताते हुए उसे विकास के मार्ग में बाधक बताया था. इस संदर्भ में उन्होंने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान और केंद्र में तत्कालीन वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा की ओर से संबंधित मंत्रियों को लिखी गयी चिट्ठियों का हवाला दिया.
नायडू ने कहा कि हाइवे, नयी रेल लाइनों, नयी बिजली लाइनों, नये बंदरगाहों और तालाब तथा सिंचाई के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण बहुत जरुरी है. उन्होंने कहा कि इन चीजों से देश का विकास होगा और आम आदमी को फायदा होगा तथा इसी को ध्यान में रखते हुए राजग सरकार यह विधेयक लायी है.