बिहार में हुई मिड-डे-मील की घटना दुखद:पीएम

नयी दिल्ली:देश के 67 स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नेलालकिलेपर झंडाफहराया. झंदोत्तोलनके बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने सबसे पहलेउतराखंडमें मारे गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक के नुकसान पर गहरा अफसोस व्यक्त किया. इस पनडुब्बी की दुर्घटना में 18 नौसैनिकों के मारे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 15, 2013 2:58 AM
नयी दिल्ली:देश के 67 स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नेलालकिलेपर झंडाफहराया. झंदोत्तोलनके बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने सबसे पहलेउतराखंडमें मारे गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक के नुकसान पर गहरा अफसोस व्यक्त किया. इस पनडुब्बी की दुर्घटना में 18 नौसैनिकों के मारे जाने की आशंका जतायी.प्रधानमंत्री ने बिहार में हुई मिड डे मील की घटनाकोदुखद बताया. उन्होंने कहा कि ऐसी घटना दोबारा न हो.

हिंदी में दिए अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने देशवासियों को स्वाधानीता दिवस की बधाई दी.प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है और शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की जरुरत है. सिंह ने कहा, ‘‘ भारत के हर बच्चे को शिक्षा के अवसर देने के लिए हमने शिक्षा का अधिकार कानून बनाया है. आज देश के सभी बच्चे प्राथमिक स्कूलों में पढ़ रहे हैं. कालेज जाने वाले छात्र छात्रओं की संख्या पिछले नौ सालों में दोगुनी से भी ज्यादा हो गई है.’’

साथ ही उन्होंने माना, ‘‘ लेकिन शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए अभी बहुत कुछ करना बाकी है. बहुत सारे स्कूलों में अभी भी साफ पानी, शौचालय और अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं है. शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की जरुरत है.’’ उन्होंने कहा कि गरीबों और कामजोर तबको के बच्चों को शिक्षा के अवसरों का फायदा दिलाने के लिए हमने बड़े पैमाने पर वजीफों के कार्यक्रम शुरु किये हैं. आज देश भर में 2 करोड़ से ज्याद बच्चों को केंद्र सरकार द्वारा वजीफे दिये जा रहे हैं.

सिंह ने कहा, ‘‘ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई नए संस्थान खोले गए है. जैसे 8 नए आईआईटी, 7 नये आईआईएम, 16 नई केंद्रीय विश्वविद्यालय और 10 नये एनआईटी. वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए भी नई संस्थाएं खोली गई और विदेशों से भारतीय वैज्ञानिकों की वापसी आसान करने के लिए ठोस कदम उठाये गए हैं.’’

Next Article

Exit mobile version