मनमोहन का भाषण निराशाजनक:भाजपा
नयी दिल्ली : भाजपा ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्वतंत्रता दिवस भाषण को निष्प्रभावी और निराशाजनक करार दिया लेकिन साथ ही कहा कि आगामी (चुनाव) वर्ष विकास के नये दशक की शुरुआत करेगा.लाल किले की प्राचीर से सिंह द्वारा दिये गये भाषण पर भाजपा महासचिव राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि एक बार फिर […]
नयी दिल्ली : भाजपा ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्वतंत्रता दिवस भाषण को निष्प्रभावी और निराशाजनक करार दिया लेकिन साथ ही कहा कि आगामी (चुनाव) वर्ष विकास के नये दशक की शुरुआत करेगा.लाल किले की प्राचीर से सिंह द्वारा दिये गये भाषण पर भाजपा महासचिव राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि एक बार फिर निराशा हाथ लगी है. देश को सिंह से काफी उम्मीदें थीं लेकिन उन्होंने खोखले दावे किये. देश के पास ऐसा प्रधानमंत्री होना चाहिए था, जो राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषकर पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैनिकों पर किये गये हमले और चीन द्वारा भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ जैसे मुद्दों पर अपना नजरिया व्यक्त करता. रुडी ने सिंह के भाषण को निष्प्रभावी करार देते हुए आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था की स्थिति पर प्रधानमंत्री खामोश रहे. अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री महंगाई, मुद्रास्फीति और कुशासन पर भी नहीं बोले.
उन्होंने कहा कि यदि मनमोहन सिंह भ्रष्टाचार के आरोपों पर बोले होते तो देश को खुशी होती. भाजपा संसदीय दल के प्रमुख लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि भारत में भविष्य को लेकर असीमित क्षमताएं हैं. यह पिछला दशक 2014 में समाप्त हो जाएगा. सिंह ने इस दशक में हुई उपलब्धियों और कमियों को गिनाया है. हमें अब 2014 से शुरु हो रहे दशक को भारत के इतिहास में अप्रत्याशित बनाने के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री और उनकी सरकार की आलोचना नहीं करना चाहेंगे.आडवाणी ने कहा कि ऐसा काम करना चाहिए कि कोई उंगली न उठाने पाये. देश को 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने की दिशा में काम करना चाहिए, जहां दुनिया स्वीकारे कि इस देश के साथ कोई तुलना नहीं हो सकती. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने सिंह की आलोचना करते हुए कहा कि पूर्व के प्रधानमंत्रियों के कार्यों की सराहना करते वक्त अपने पूर्ववर्ती अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र नहीं किया.
उन्होंने ट्विटर पर कहा, ‘‘मनमोहन सिंह ने चार प्रधानमंत्रियों का जिक्र किया, जिन्होंने भारत को बनाने में योगदान किया. ये सभी कांग्रेस पार्टी के थे. वह लाल बहादुर शास्त्री तक को भूल गये. मोरारजी देसाई और अटल बिहारी वाजपेयी का योगदान भी कम नहीं था.’’ भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आयी तो देश के समक्ष मौजूद आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा चुनौतियों से निपटेगी. उन्होंने किश्तवाड में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा को ‘लोकतंत्र के लिए चुनौती’ बताया.