नीतीश ने कहा, बिहार के विकास के लिए जरुरत पर प्रधानमंत्री के पास जायेंगे
भागलपुर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि इस प्रदेश के विकास और राज्यवासियों के लिये उन्हें अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाना पडे या जिस दरवाजे को खटखटाने की जरुरत होगी खटखटायेंगे और उनके सामने अपनी बात रखेंगे. भागलपुर जिला के सुल्तानगंज स्थित मुरारका कालेज प्रांगण में अगुवानी घाट खगडिया से […]
भागलपुर: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि इस प्रदेश के विकास और राज्यवासियों के लिये उन्हें अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाना पडे या जिस दरवाजे को खटखटाने की जरुरत होगी खटखटायेंगे और उनके सामने अपनी बात रखेंगे.
भागलपुर जिला के सुल्तानगंज स्थित मुरारका कालेज प्रांगण में अगुवानी घाट खगडिया से सुल्तानगंज-भागलपुर के बीच गंगा नदी पर 1710.70 करोड रुपये से लागत से बनने वाले उच्चस्तरीय आरसीसी पुल के निर्माण कार्य का शुभारंभ रिमोट कंट्रोल से करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए नीतीश ने कहा कि 14वें वित्त आयोग के प्रतिवेदन से राज्य को नुकसान हो रहा है. पहले हमें 19.9 प्रतिशत की राशि मिलती थी, जो अब घटकर 9.6 प्रतिशत मिलेगी. राशि बढ जायेगी मगर कुल मिलाकर तुलनात्मक रुप से प्रतिशत में नुकसान होगा.
उन्होंने कहा कि हमने केंद्र सरकार से कमी की भरपाई की मांग की है. बिहार को अधिक से अधिक मदद मिलनी चाहिये. वह केंद्रीय वित्त मंत्री से भी मिले थे. 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा से राज्य को होने वाले नुकसान से अवगत कराया है. नुकसान की भरपाई की मांग की है.नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर स्थिति से अवगत करा दिया है. बिहार और बिहारवासियों के लिये जहां भी जाना पडेगा जायेंगे. जिस दरवाजे को खटखटाने की जरुरत होगी खटखटायेंगे. उनके सामने अपनी बात रखेंगे.
नीतीश की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रतिद्वंदिता जग जाहिर है. उन्होंने उनको लेकर भाजपा से 17 साल पुराने संबंध को जून 2013 में तोड लिया था. नीतीश के फिर से मुख्यमंत्री पद संभाले जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी के बधायी दिए जाने पर नीतीश ने उन्हें धन्यवाद दिया था तथा 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के कारण बिहार को होने वाले नुकसान को लेकर उन्हें पत्र लिखा था.