भाजपा के गुप्त समझौते का नतीजा है आलम की रिहाईः कांग्रेस

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने आज आश्चर्य जताया कि क्या अलगाववादी नेता मसर्रत आलम की रिहाई के बारे में जानकारी नहीं होने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा जम्मू कश्मीर में पीडीपी और भाजपा के बीच ‘गुप्त समझौते’ का हिस्सा है. कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2015 7:16 AM

नयी दिल्ली: कांग्रेस ने आज आश्चर्य जताया कि क्या अलगाववादी नेता मसर्रत आलम की रिहाई के बारे में जानकारी नहीं होने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा जम्मू कश्मीर में पीडीपी और भाजपा के बीच ‘गुप्त समझौते’ का हिस्सा है.

कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री को लोगों को अवश्य जवाब देना चाहिए कि क्या इस मुद्दे पर जानकारी के अभाव और सलाह-मशविरे के अभाव के संबंध में उनके बयान का आशय यह है कि वह छल कर रहे हैं या कोई गुप्त समझौता था या वह पूरी तरह से अनभिज्ञ थे.मोदी और भाजपा से कई सवाल पूछते हुए उन्होंने कहा कि अगर घाटी में अलगाववादी की रिहाई से फिर से पथराव युग आता है तो सरकार की क्या कार्रवाई करने की मंशा है.
मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के इस तरह के 1000 लोग होने के दावे के संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री से जानना चाहा कि क्या इस तरह के तत्वों की रिहाई से घाटी में मुश्किल से हासिल की गई शांति प्रभावित नहीं होगी.वह यह भी जानना चाहते थे कि क्या अलगाववादियों के साथ बातचीत भारतीय संविधान के दायरे में होगी या यह खुली चर्चा होगी.
सुरजेवाला ने सरकार से यह भी पूछा कि क्या मोदी ने जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और राज्य में अफस्पा के जारी रहने के मुद्दे पर भी अपना रख बदला है.प्रधानमंत्री और भाजपा पर निशाना साधने के लिए पार्टी प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने ट्विटर का सहारा लिया.उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘पार्टी जब विपक्ष में होती है तो लगातार राष्ट्रवाद और अलगाववाद और आतंकवाद की बात करती है और अब गठबंधन की बाध्यताओं के चलते उदासीन और निष्प्रभावी है.’’

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