नयी दिल्ली : मसरत आलम की रिहाई का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. आज इस मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ. इस मामले पर आज गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में सरकार, जिसमें भाजपा की हिस्सेदारी है, हमारे लिए प्राथमिकता नहीं है.उन्होंने कहा कि भारत की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है.मुसरत आलम की रिहाई पर जम्मू कश्मीर सरकार की रिपोर्ट से मैं संतुष्ट नहीं हूं. हमने स्पष्टीकरण मांगा है.
आपको बता दें कि केंद्र ने राज्य सरकार से मसरत की रिहाई पर पूरी रिपोर्ट मांगी थी. वहीं मुफ्ती मोहम्मद सईद ने राजनाथ सिंह को फोन पर आश्वस्त किया अब भाजपा से बिना बात किये और कैदियों को रिहा नहीं करेंगे. पीडीपी ने कहा है कि कोर्ट के आदेश के बिना अब कोई रिहाई नहीं होगी.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कल अपने बयान में कहा था कि मसरत पर 27 मामले दर्ज हैं. मसरत को उच्च न्यायालय द्वारा सभी मामलों में जमानत दिए जाने को आधार बनाते हुए उसे रिहा करने की बात कही है. इसके साथ यह भी स्पष्ट किया गया है कि पूरी नहीं सशर्त रिहाई है व जांच के लिए उसे कभी भी वापस बुलाया जा सकता है. मसरत की रिहाई के बाद दोनों सदन में हंगामा जारी है. मसरत उस समय चर्चा में आया था जब उसने वर्ष 2010 में कश्मीर में हड़तालों के लिए कैलेंडर जारी कर हालात बिगाड़ने में सक्रिय भूमिका निभाई थी.
इस दौरान कश्मीर में सौ से अधिक लोगों की मौत हुई थी. इसके बाद मसरत को पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत जेलों में रखा जा रहा था. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कल मसरत पर दर्ज मामलों को भी सदन के सामने रखा और कानूनी जानकारियां भी दी.