पनडुब्बी दुर्घटना:5 शव बरामद, किसी के बचने की उम्मीद लगभग खत्म

मुंबईः भारतीय नौसेना के गोताखोरों ने आज बेहद कठिन हालात में दुर्घटनाग्रस्त पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक से पांच शव निकाले. इस हादसे में लापता चल रहे लोगों में किसी के भी जीवित बचे होने की उम्मीद लगभग खत्म हो गई है. बीते मंगलवार की रात इस पनडुब्बी में कई धमाके होने के बाद आग लग गई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 16, 2013 11:15 AM

मुंबईः भारतीय नौसेना के गोताखोरों ने आज बेहद कठिन हालात में दुर्घटनाग्रस्त पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक से पांच शव निकाले. इस हादसे में लापता चल रहे लोगों में किसी के भी जीवित बचे होने की उम्मीद लगभग खत्म हो गई है.

बीते मंगलवार की रात इस पनडुब्बी में कई धमाके होने के बाद आग लग गई थी. इसमें कुल 18 लोग मौजूद थे, हालांकि अभी सुबह से सिर्फ चार लोगों के शव बरामद किए गए हैं. इनमें तीन अधिकारियों के शव शामिल हैं. रक्षा विभाग के प्रवक्ता नरेंद्र विस्पुते ने कहा कि बरामद किए गए शव इतनी बुरी तरह जले हुए है कि वहां स्थल पर उनकी पहचान कर पाना मुमकिन नहीं है.

रक्षा विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि बरामद शवोंे और कंट्रोल रुम के इर्दगिर्द पनडुब्बी के भीतर के हालात को देखकर यह निष्कर्ष निकलता है कि पनडुब्बी में आगे के हिस्से में भी किसी के जिंदा बचने की उम्मीद न के बराबर है. दुर्घटनाग्रस्त हुई रुस में निर्मित इस पनडुब्बी के भीतर मौजूद उबलते पानी की वजह से शुरआत में बचावकर्मी इसके भीतर नहीं घुस पा रहे थे.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि जाम हो चुके दरवाजों, टूटी सीढ़ियों और तेल एवं कीचड़ भरे पानी की वजह से इस डूबी हुई पनडुब्बी के भीतर इतना अंधेरा था कि यहां उच्च क्षमता वाले लैंप भी नाकाम साबित हो रहे थे और इन वजहों से पनडुब्बी के अंदरुनी कक्षों में घुसना लगभग नामुमकिन हो गया था.

रक्षा विभाग की इस विज्ञप्ति में कहा गया है, विस्फोट के कारण पनडुब्बी के भीतर हुए भारी नुकसान की वजह से इसके अंदर के धातु तुड़ मुड़ गए थे. इसने गोताखारों के लिए हालात को और कठिन बना दिया, जिससे यह बेहद धीमा और परिश्रम वाला काम बन गया. प्रवक्ता ने कहा कि पीड़ितों के परिवार को हर संभव सहायता मुहैया कराने के काम में अधिकारियों को लगा दिया गया है. नौसेना ने कल रुस में निर्मित, 16 वर्ष पुरानी इस पनडुब्बी के भीतर मौजूद तीन अधिकारियों और 15 नाविकों के नाम जारी किए थे.

तीन अधिकारियों के नाम लेफ्टिनेंट कमांडर निखिलेश पाल, लेफ्टिनेंट कमांडर आलोक कुमार और लेफ्टिनेंट कमांडर आर. वेंकटराज हैं.आईएनएस सिंधुरक्षक में मौजूद नाविकों की पहचानसंजीव कुमार, के. सी. उपाध्याय, तिमोथी सिन्हा, केवल सिंह, सुनील कुमार देसारी प्रसाद, लिजु लॉरेंस, राजेश तूतीका, अमित सिंह, अतुल शर्मा, विकास, नरोत्ता देउरी, मलय हल्दर, विष्णु वी., सीताराम बदापल्ले के रुप में हुई है.

नौसेना की गोदी में खड़ी सिंधुरक्षक पनडुब्बी में मंगलवार की देर रात श्रृंखलाबद्ध विस्फोट हुए जिसके बाद यह पनडुब्बी उथले समुद्र में आंशिक रुप से डूब गई.इस डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को नौसेना में 1997 में शामिल किया गया था और इसकी लागत लगभग 400 करोड़ रपए थी. हाल ही में 450 करोड़ रुपए की लागत से रुस में इसका नवीनीकरण किया गया था.

Next Article

Exit mobile version