…तो टूट जायेगा भाजपा-पीडीपी गंठबंधन

गाजियाबाद/नयी दिल्ली : अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा है और राज्य में सरकार में बने रहना उनकी प्राथमिकता में नहीं है जहां भाजपा का पीडीपी के साथ गंठबंधन है. विपक्षी दलों ने संसद […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 11, 2015 8:19 AM

गाजियाबाद/नयी दिल्ली : अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई को लेकर हो रही आलोचनाओं के बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उनकी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा है और राज्य में सरकार में बने रहना उनकी प्राथमिकता में नहीं है जहां भाजपा का पीडीपी के साथ गंठबंधन है.

विपक्षी दलों ने संसद में इन खबरों को लेकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोला है कि जम्मू कश्मीर सरकार 800 और अलगाववादियों को रिहा करने की योजना बना रही है. वहीं दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी कहा है कि अगर और किसी उग्रवादी या राजनीतिक बंदी को छोड़ा गया तो भाजपा सईद सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेगी. देश की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है.

विपक्षी दलों ने जानना चाहा कि क्या राज्य के राज्यपाल ने केंद्र को अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद में कहा था कि आलम की रिहाई स्वीकार्य नहीं है और सरकार राष्ट्र की अखंडता के साथ किसी तरह का समझौता बर्दाश्त नहीं करेगी. सरकार को घेरते हुए विपक्ष ने सवाल किया था कि क्या भाजपा का इस मुद्दे पर पीडीपी के साथ गुप्त करार है. विपक्षी दलों ने आलम को फिर से गिरफ्तार किये जाने की मांग की जिसके खिलाफ हत्या, देशद्रोह और साजिश रचने समेत 27 आपराधिक मामले दर्ज हैं. उसे आठ बार हिरासत में लिया गया था.

राजनाथ सिंह ने कहा, मैं फिलहाल केवल एक बयान दूंगा, जैसा कि मैंने सोमवार को संसद में कहा था. हमारे लिए सरकार प्राथमिकता नहीं है, बल्कि हमारे लिए देश प्राथमिकता है. राजनाथ ने गाजियाबाद में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के 46वें स्थापना दिवस समारोह से इतर कहा, आपको समझना चाहिए और मुङो लगता है कि इस बयान में सारी बात समाहित है.

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