नयी दिल्ली : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्केंडेय काटजू के खिलाफ राज्यसभा में सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है वहीं दूसरी ओर विपक्षी सदस्यों द्वारा आए दिन कार्यस्थन प्रस्ताव के नोटिस दिए जाने को लेकर सरकार द्वारा लोकसभा में आज जताई गई चिंता का कांग्रेस ने कडा प्रतिवाद किया.
संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि लगभग हर रोज प्रश्नकाल स्थगित किए जाने के नोटिस दिए जाने से ‘‘ऐसे नोटिसों का महत्व ही कम हो जाएगा.’’ नायडू ने कहा, प्रश्नकाल सदन के सदस्यों का महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे स्थगित किए जाने के लिए कार्यस्थन प्रस्तावों के नोटिसों को उनके महत्व के आधार पर ही लिया जाना चाहिए. ज्योतिरादित्य सिंधिया और के. सी. वेणुगोपाल सहित कांग्रेस के सदस्यों ने संसदीय कार्य मंत्री की इस बात का कडा विरोध किया.
कांग्रेस सदस्यों के विरोध के बीच अध्यक्ष सुमित्र महाजन ने कहा कि कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए जाने को ‘‘आपने आदत बना लिया है.’’ आज भी कुछ सदस्यों द्वारा ऐसे नोटिस दिए गए थे जिन्हें स्पीकर ने अस्वीकार करते हुए संबंधित मुद्दों को शून्य काल में उठाने को कहा. कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस देना सदन में एक सामान्य चलन है, जिसपर नायडू ने कहा कि इस बारे में पिछले दस साल के रिकार्ड देखे जाने चाहिए. जवाब में वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘हम सरकार से कोई रहम नहीं चाहते हैं.’’