नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी की परेशानियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं. भीतरी कलह से जूझ रही पार्टी को आज उस समय बडा झटका लगा, जब मुंबई में पार्टी का चेहरा रहीं अंजलि दमानिया ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पिछले साल सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के छह विधायकों को खरीदने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड दी.
I quit.. Ihave not come into Aap for this nonsense. I believed him.. I backed Arvind for principles not Horse-trading http://t.co/lxMaBkwxeO
— Mrs Anjali Damania (@anjali_damania) March 11, 2015
Aap will only work on Siddhant. Just enough of nonsense. Arvind, PB & YY should beg apology to the karyakarta in next 48 hrs for their acts
— Mrs Anjali Damania (@anjali_damania) March 11, 2015
I demand inquiry in 48 hrs into all these allegations. Vols have given their sweat & blood. It is not for the party… It is for the country
— Mrs Anjali Damania (@anjali_damania) March 11, 2015
आम आदमी पार्टी को दूसरी बार दिल्ली की सत्ता संभाले अभी एक महीना नहीं गुजरा है और पार्टी तमाम तरह की परेशानियों से बेजार है.आप के पूर्व विधायक राजेश गर्ग ने भी आरोप लगाया है कि उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कांग्रेस विधायकों के संपर्क में थे और उन्हें एक नया राजनीतिक दल बनाने और बाहर से आप का समर्थन करने के लिए उकसा रहे थे क्योंकि केजरीवाल दोबारा विधानसभा चुनाव के हक में नहीं थे.
गर्ग के इस तरह के आरोपों के बीच एक आडियो टेप सामने आया है, जिसमें केजरीवाल और रोहिणी के पूर्व विधायक गर्ग के बीच कथित बातचीत दर्ज है. इसमें आप नेता को कांग्रेस में फूट डालने के बारे में बात करते सुना जा सकता है.
गर्ग के साथ बातचीत में केजरीवाल कथित रुप से यह कहते हुए सुने जा सकते हैं, ‘‘हम सरकार बनाने के लिए तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस हमारा समर्थन करने को तैयार नहीं है. मनीष (सिसोदिया) कांग्रेस के साथ संपर्क में है. एक काम करें, कांग्रेस में फूट डालें और छह विधायकों से नई पार्टी बनाने और हमारा समर्थन करने के लिए कहें.’’पिछली विधानसभा में कांग्रेस के आठ विधायक थे और दलबदल कानून के प्रावधानों से बचने के लिए पार्टी से अलग होने वाले समूह में कम से कम छह विधायकों का होना जरुरी था.
आडियो टेप में केजरीवाल को गर्ग से कहते सुना जा सकता है, ‘‘कांग्रेस हमारा समर्थन नहीं करेगी. हम पिछले डेढ महीने से कोशिश कर रहे हैं. कांग्रेस के इन छह विधायकों ने भाजपा को समर्थन दे दिया होता, लेकिन इनमें से तीन मुस्लिम हैं. वह भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे. वह छह विधायक हमारा समर्थन करेंगे.’’ विवाद सामने आते ही मुंबई में पार्टी की वरिष्ठ नेता अंजलि दमानिया ने यह कहते हुए पार्टी छोड दी कि वह पार्टी प्रमुख के सिद्धांतों के लिए उनका समर्थन करती थीं, खरीद फरोख्त के लिए नहीं.
ट्वीटर पर अपने इस्तीफे का ऐलान करते हुए दमानिया ने कहा, ‘‘मैं छोड रही हूं.मैं इस बकवास के लिए आप में नहीं आई थी. मैंने उनपर भरोसा किया..सिद्धांतों के लिए केजरीवाल का समर्थन किया खरीदफरोख्त के लिए नहीं.’’ अंजलि ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘मैं 48 घंटे में इन आरोपों की जांच की मांग करती हूं. कार्यकर्ताओं ने अपना खून पसीना दिया है. यह पार्टी के लिए नहीं..यह देश के लिए है.’’
नये विवाद ने ऐसे समय में पार्टी को घेरा है, जब वह दो वरिष्ठ नेताओं प्रशांत भूषण और योगेन्द्र यादव के असंतोष से उपजे विवाद से जूझ रही है. इन दोनो ने केजरीवाल के काम करने के तरीके की खुलेआम आलोचना करके अपने असंतोष का इजहार किया.
इस बीच केजरीवाल का समर्थन करने वाले विधायकों की मांग है कि पिता पुत्र शांति और प्रशांत भूषण को यादव के साथ पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए पार्टी से निष्कासित किया जाए. इस मकसद से उन्होंने एक हस्ताक्षर अभियान शुरु किया है.