2जी स्पेक्ट्रम मामला: उच्चतम न्यायालय ने नहीं दिया कोई आदेश
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम प्रकरण में नये गवाहों को सम्मन जारी करने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने के लिये दायर याचिका पर शुक्रवार को कोई आदेश नहीं दिया.न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन की खंडपीठ के समक्ष आज जब सुनवाई के अंतिम क्षणों में कुछ आरोपियों […]
नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम प्रकरण में नये गवाहों को सम्मन जारी करने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने के लिये दायर याचिका पर शुक्रवार को कोई आदेश नहीं दिया.न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और न्यायमूर्ति के एस राधाकृष्णन की खंडपीठ के समक्ष आज जब सुनवाई के अंतिम क्षणों में कुछ आरोपियों के वकील ने निचली अदालत के 19 जुलाई के आदेश पर रोक का अनुरोध किया तो उन्होंने कहा, हम इस पर विचार करेंगे.
वकील ने इस आदेश पर रोक लगाने का मौखिक अनुरोध करते हुये कहा कि अदालत ने 19 अगस्त को बयान दर्ज करने के लिये 13 नये गवाहों को बुलाया है.लेकिन न्यायाधीशों ने इस पर कोई आदेश दिये बगैर ही कहा कि वे 21 अगस्त को 2जी प्रकरण से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई करेंगे.इन 13 नये गवाहों में रिलायंस एडीएजी के चेयरमैन अनिल अंबानी और उनकी पत्नी टीना अंबानी भी शामिल हैं.
रिलायंस टेलीकाम लि. ने नये गवाह बुलाने के निचली अदालत के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दे रखी है. यह कंपनी भी इस मामले में आरोपी है.इस मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल ने कहा कि प्रकरण के असाधारण स्वरुप के आधार पर ही शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय को इससे संबंधित मामलों की सुनवाई करने से रोकने के साथ ही निचली अदालत को रिपीट निचली अदालत को रोजाना इसकी सुनवाई करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा कि इस मामले में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट और केंद्रीय जांच ब्यूरो के दस्तावेज भय पैदा करने वाले हैं.
उन्होंने कहा कि असाधारण परिस्थितियों से निबटने के लिये शीर्ष अदालत अनुच्छेद 136 और 32 के तहत प्रदत्त असाधारण अधिकार का इस्तेमाल कर सकती है और न्यायालय ने आरोपियों की शिकायतों के न्यायिक समाधान का रास्ता बंद नहीं किया है.