महात्मा गांधी और नेताजी के बारे में काटजू के बयान की लोकसभा ने की भर्त्सना
नयी दिल्ली: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को ब्रिटेन और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को जापान का एजेंट बताए जाने संबंधी उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू के विवादास्पद बयान पर लोकसभा ने एक प्रस्ताव पेश कर उसकी भर्त्सना की और कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिए इन दोनों विभूतियों दिया गया योगदान एवं समर्पण […]
नयी दिल्ली: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को ब्रिटेन और नेताजी सुभाष चंद्र बोस को जापान का एजेंट बताए जाने संबंधी उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मार्कण्डेय काटजू के विवादास्पद बयान पर लोकसभा ने एक प्रस्ताव पेश कर उसकी भर्त्सना की और कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिए इन दोनों विभूतियों दिया गया योगदान एवं समर्पण अतुलनीय है. अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन में एक प्रस्ताव रखा जिसमें कहा गया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का आदर पूरा देश करता है. इन दोनों विभूतियों द्वारा देश की स्वतंत्रता के लिए दिया गया योगदान एवं समर्पण अतुलनीय है.
प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘ उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति और प्रेस कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष मार्कण्डेय काटजू द्वारा दिया गया वक्तव्य अशोभनीय है. यह सभा स्पष्ट रुप से पूर्व न्यायमूर्ति श्री मार्कण्डेय काटजू द्वारा दिए गए वक्तव्य की भर्त्सना करती है. ’’ सदन ने इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया.
कल राज्यसभा में भी काटजू के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया गया था.आज सुबह प्रश्नकाल के बाद कुछ सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर अध्यक्ष ने निंदा प्रस्ताव लाए जाने के बारे में सदन को सूचित किया था.सदस्यों द्वारा काटजू के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव लाए जाने की मांग को संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव प्रताप रुडी ने उचित ठहराते हुए कहा था कि पूर्व न्यायाधीश ने जो टिप्पणियां की हैं वे अपमानजनक हैं और सदन इसकी निंदा करता है.
इससे पूर्व सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने भी निंदा प्रस्ताव पारित किए जाने की मांग से सहमति जतायी थी.सुबह राष्ट्रीय जनता दल के राजेश रंजन ने यह मामला उठाते हुए कहा कि काटजू की टिप्पणियां देश की मर्यादा के खिलाफ हैं और उनके विरुद्ध निंदा प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए.
बीजद के भृतुहरि मेहताब ने इस मांग से सहमति जतायी. तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने काटजू के खिलाफ नफरत फैलाने वाली टिप्पणी करने के लिए आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की भी मांग की.अन्नाद्रमुक के पी वेणुगोपाल ने भी निंदा प्रस्ताव लाए जाने का समर्थन किया था.