आरएसएस की तीन दिवसीय बैठक शुरु

नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का शीर्ष नेतृत्व देश में उभरते राजनीतिक परिदृश्य समेत महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने और अपने नये महासचिव का चुनाव करने के लिए आज यहां तीन दिवसीय बैठक शुरू हो गई है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक का उद्घाटन किया. प्रतिनिधि सभा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2015 9:09 AM

नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का शीर्ष नेतृत्व देश में उभरते राजनीतिक परिदृश्य समेत महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने और अपने नये महासचिव का चुनाव करने के लिए आज यहां तीन दिवसीय बैठक शुरू हो गई है. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक का उद्घाटन किया. प्रतिनिधि सभा नीति बनाने वाली और निर्णय लेने वाली संघ की सबसे बडी इकाई है. भागवत आरएसएस महासचिव सुरेश भैयाजी जोशी के साथ रेशमबाग में इस तीन दिवसीय वार्षिक बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं.

इससे पहले आरएसएस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘बैठक में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी और आवश्यक प्रस्ताव पारित किए जाएंगे. अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा हर तीन साल पर अपने प्रतिनिधियों द्वारा मतदान के माध्यम से अपने महासचिव का चुनाव भी करती है. जोशी फिलहाल महासचिव हैं जिनका दूसरा तीन वर्षीय कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है. हालांकि वह पुनर्निर्वाचन के पात्र हैं.’’

इस बैठक में देश के सभी क्षेत्रों से आरएसएस की शाखाओं के करीब 1400 निर्वाचित प्रतिनिधि, संघ के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी, संघ के आनुषांगिक संगठनों के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे.आरएसएस की यह बैठक अहम मानी जा रही है क्योंकि यह जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के आलोक में हो रही है. जम्मू कश्मीर में भाजपा पीडीपी के साथ सरकार में शामिल है. संघ की शीर्ष निर्णायक निकाय द्वारा जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 और विवादास्पद जमीन अधिग्रहण विधेयक पर भाजपा के रुख पर जायजा भी लिए जाने की संभावना है. जमीन विधेयक की आरएसएस के आनुषांगी संगठन भारतीय मजदूर संघ ने विरोध किया है. आरएसएस प्रतिनिधि भाजपा के साथ गठबंधन सरकार के गठन के बाद पीडीपी नेताओं के विवादास्पद बयानों पर भी चर्चा कर सकते हैं जिनमें विशेषकर मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद द्वारा राज्य में शांतिपूर्ण विधानसभा चुनाव के लिए पाकिस्तान, आतंकवादियों और अलगाववादियों को श्रेय दिया जाना है. सईद के इस बयान से विवाद खडा हो गया. जम्मू कश्मीर के नये मुख्यमंत्री द्वारा अलगाववादी नेता मुसर्रत आलम की रिहाई और दिल्ली में भाजपा की चुनावी हार जैसे विषय भी इस बैठक में उठ सकते हैं. किसानों के लिए काम करने वाले भारतीय किसान संघ, जनजातीयों के लिए काम करने वाले वनवासी कल्याण आश्रम, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय मजदूर संघ, विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख नेताओं के भी इस बैठक में हिस्सा लेने की संभावना है.

वैद्य ने कहा, ‘‘पिछले तीन सालों में हमने संगठन के विस्तार का एक कार्यक्रम चलाया है. हमारी दैनिक शाखाओं, साप्ताहिक बैठकों और मासिक मंडलियों में इस अवधि में 18 फीसदी वृद्धि हुई. तीन साल पहले हमारी 43,000 स्थानों पर ऐसी इकाइयां थीं और वैसे स्थानों की संख्या अब बढकर 55,000 हो गयी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘संघ के विस्तार के लिए अनुकूल माहौल तैयार हुआ है. हमने कोलकाता समेत दो स्थानों पर पत्रकारों के लिए संघ परिचय वर्ग लगाए और नतीजे सकारात्मक रहे.’’ उन्होंने कहा कि प्रतिनिधि महासचिव का चुनाव करेंगे जिस पद पर फिलहाल सुरेश उर्फ भैयाजी जोशी आसीन हैं. ऐसी अटकल है कि जोशी का स्थान संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसबुले ले सकते हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी समझे जाते हैं. जोशी का दूसरा तीन वर्षीय कार्यकाल समाप्त होने जा रहा है. हालांकि वह पुनर्निर्वाचन के पात्र हैं.

नये महासचिव के नाम की घोषणा 14 मार्च की शाम या उसकी अगली सुबह होगी. आरएसएस ने एक बयान में कहा, ‘‘बैठक में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा होगी और आवश्यक प्रस्ताव पारित किए जाएंगे.’’ संघ में निर्णय लेने वाले शीर्ष निर्णायक निकाय प्रतिनिधि सभा द्वारा जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 और विवादास्पद जमीन अधिग्रहण विधेयक पर भाजपा के रुख का जायजा लिए जाने की भी संभावना है. जमीन विधेयक का आरएसएस के अनुषंगी संगठन भारतीय मजदूर संघ ने विरोध किया है. एक सवाल के जवाब में वैद्य ने कहा कि विहिप और बजरंग दल जैसे दक्षिणपंथी संगठनों के विवादास्पद घरवापसी कार्यक्रम पर चर्चा एजेंडा में नहीं है. संघ और विविध क्षेत्रों में उसके अनुषंगी संगठनों के प्रमुख नेता, कार्यकर्ता इस आयोजन में शामिल होंगे. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी महासचिव और आरएसएस पदाधिकारी रह चुके राममाधव और विहिप नेता प्रवीण तोगडियां बैठक में शामिल होने वाले नेताओं में शामिल होंगे.

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