सरकार की किरकिरी, आम बजट पर नहीं शुरु करवा सकी चर्चा
नयी दिल्ली: संसद में सरकार को दूसरी बार किरकिरी का सामना करना पडा जब वित्त मंत्री अरुण जेटली की अनुपस्थिति में विपक्ष ने आज लोकसभा में आम बजट पर चर्चा शुरु करने से इंकार कर दिया और सरकार को विपक्ष के आगे झुकते हुए इस चर्चा को सोमवार तक के लिए स्थगित करना पडा. इससे […]
नयी दिल्ली: संसद में सरकार को दूसरी बार किरकिरी का सामना करना पडा जब वित्त मंत्री अरुण जेटली की अनुपस्थिति में विपक्ष ने आज लोकसभा में आम बजट पर चर्चा शुरु करने से इंकार कर दिया और सरकार को विपक्ष के आगे झुकते हुए इस चर्चा को सोमवार तक के लिए स्थगित करना पडा.
इससे पहले मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर विपक्ष ने भ्रष्टाचार और काले धन के बारे में अपने एक संशोधन को पारित करवाकर सरकार को शमि’दा किया था.
सदन में प्रश्नकाल के बाद आम बजट पर चर्चा शुरु होनी थी लेकिन जेटली के देश से बाहर होने के कारण विपक्ष ने उनकी गैर मौजूदगी में आम बजट पर चर्चा में हिस्सा लेने से इंकार करते हुए चर्चा को सोमवार तक टाले जाने की मांग की.इसे लेकर हुए हंगामे और नारेबाजी के कारण सदन की कार्यवाही को दो बार स्थगित करना पडा. और इस दौरान नियमों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच करीब 45 मिनट तक बहस होती रही.
नायडू ने विपक्ष के अडे रहने पर बीच का रास्ता निकालने के प्रयास में सुझाव दिया कि कांग्रेस अगर वित्त मंत्री की अनुपस्थिति में चर्चा में हिस्सा नहीं लेना चाहती तो उन लोगों को चर्चा में हिस्सा लेने दिया जाए जो इसके लिए तैयार हैं और कांग्रेस के सदस्य वित्त मंत्री के आने पर चर्चा में भाग ले सकते हैं.
सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने इस सुझाव को सिरे से खारिज करते हुए कहा, ‘‘ यह तो हद हो गयी , यह लोकतंत्र की हत्या करने जैसा है.’’ तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने नायडू के सुझाव पर कडी आपत्ति जताते हुए कहा कि कांग्रेस सदन में मुख्य विपक्षी दल है और उसके बिना चर्चा शुरु कराना अनुचित है. चर्चा की शुरुआत कांग्रेस की तरफ से ही होनी चाहिए.
इस पर नायडू ने कहा, ‘‘ मैं स्पीकर को असहज स्थिति में नहीं डालना चाहता. मैंने विपक्ष का मन पढ लिया है. वे चर्चा शुरु नहीं करना चाहते हैं. इसलिए सदन को स्थगित किया जाए.’’ इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी.