नागपुर: आरएसएस के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसाबले ने आज कहा कि भारत में कोई अल्पसंख्यक नहीं है जहां सब लोग ‘सांस्कृतिक, राष्ट्रीयता और डीएनए से हिंदू’ हैं.आरएसएस के फैसला लेने वाले शीर्ष निकाय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का तीन दिवसीय जारी सम्मेलन के बीच होसाबले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आप किसे अल्पसंख्यक कहेंगे ? हम किसी को भी अल्पसंख्यक नहीं मानते हैं. देश में अल्पसंख्यक की कोई अवधारणा नहीं है क्योंकि अल्पसंख्यक कोई है ही नहीं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मोहन भागवतजी (आरएसएस प्रमुख) ने कई बार कहा है कि भारत में जन्म लेने वाला सभी हिंदू हैं. चाहे वे इसे मानते हों या नहीं, सांस्कृतिक, राष्ट्रीयता और डीएनए के तौर पर एक हैं.’’ वह एक सवाल पर जवाब दे रहे थे जिसमें उनसे पूछा गया था कि क्या आरएसएस धार्मिक अल्पसंख्यकों और महिलाओं के लिए अपना द्वार खोलेगा.
आरएसएस के संयुक्त महासचिव होसाबले ने कहा, ‘‘संघ शाखाओं में जिसे आप तथाकथित अल्पसंख्यक कहते है-पहले से हैं-वे स्वयंसेवक हैं.’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेविका समितियों में महिलाएं हैं और आरएसएस की गतिविधियों में सक्रियता से हिस्सा लेती हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘सच में वे (महिलाएं) शाखाओं में नहीं हैं, लेकिन बाकी हर जगह हैं. वे सेवा गतिविधियां में शामिल हैं और सक्रिय हैं, यहां तक कि पूर्णकालिक स्वयंसेविका हैं. उनमें से कुछ प्रतिनिधि सभा में हैं.’’