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भारत बातचीत के जरिये संबंध सुधारने में यकीन रखता हैः खुर्शीद

देहरादून: पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने में वार्ता को एक बेहतर विकल्प करार देते हुए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज कहा कि भारत अपने पड़ोसियों से बातचीत के जरिए संबंध सुधारने में विश्वास करता है. यहां दून विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला ‘सार्वजनिक राजनय पहल’ में खुर्शीद ने कहा, ‘‘युद्ध कोई समाधान नहीं है. […]

देहरादून: पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने में वार्ता को एक बेहतर विकल्प करार देते हुए विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज कहा कि भारत अपने पड़ोसियों से बातचीत के जरिए संबंध सुधारने में विश्वास करता है.

यहां दून विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला ‘सार्वजनिक राजनय पहल’ में खुर्शीद ने कहा, ‘‘युद्ध कोई समाधान नहीं है. लगातार वार्ता निश्चित तौर पर एक बेहतर विकल्प है जिसके जरिए हम अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं.’’ यह उल्लेख करते हुए कि विकासशील देशों में भारत सबसे अग्रिम स्थान रखता है, मंत्री ने कहा, ‘‘हमें केवल विकासशील देश के रुप में नहीं दिखना चाहिए क्योंकि हम विभिन्न क्षेत्रों में कई विकसित देशों की बराबरी कर सकते हैं.’’ उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों..जवाहर लाल नेहरु, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी द्वारा स्थापित विदेश नीति की वजह से भारत विकासशील देशों के बीच सर्वश्रेष्ठ हैसियत रखता है. खुर्शीद ने कहा कि उन लोगों ने देश की विदेश नीति तय करते समय व्यापक दूरदृष्टि का परिचय दिया.

उन्होंने कहा कि उत्तर भूमंडलीकरण के युग में विश्व में लगातार परिवर्तन हो रहे हैं और आने वाले सालों में होने जा रहे परविर्तनों को देश निर्माताओं ने पहले ही भांप लिया था जिन्होंने इन सभी चीजों को ध्यान में रखकर विदेश नीति तय की. विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘यह हमारी विदेश नीति की वजह से ही है कि विश्व के अन्य देशों के मुकाबले हमारे अपने पड़ोसियों के साथ बेहतर संबंध हैं.’’

खुर्शीद ने कहा कि सार्वजनिक राजनय पहल सरकार की विदेश नीति के बारे में युवा पीढ़ी में जागरुकता पैदा करने पर केंद्रित है.उन्होंने कहा कि पहल विदेश नीति को बदलते समय के अनुरुप ढालने में भी मदद करेगी क्योंकि किसी देश की विदेश नीति तय करते समय राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य को ध्यान में रखा जाता है.

कार्यशाला में मौजूद मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि उत्तराखंड सामरिक रुप से काफी अहम सीमावर्ती राज्य है और विदेश नीति इसकी तथा अन्य हिमालयी राज्यों की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखकर बनाई जानी चाहिए.

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