”आप” को दिल्ली में सुशासन देना है और व्यवस्था बदलनी है : केजरीवाल
बेंगलुरु : अपनी पार्टी में मचे घमासन के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने आज अपनी पार्टी को संदेश दिया कि उसे दिल्ली में सुशासन प्रदान करना है और व्यवस्था में बदलाव लाना है. अपनी पार्टी के नेताओं द्वारा एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी से मचे उथलपुथल […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
March 14, 2015 9:15 AM
बेंगलुरु : अपनी पार्टी में मचे घमासन के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने आज अपनी पार्टी को संदेश दिया कि उसे दिल्ली में सुशासन प्रदान करना है और व्यवस्था में बदलाव लाना है. अपनी पार्टी के नेताओं द्वारा एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी से मचे उथलपुथल पर चुप्पी तोडते हुए केजरीवाल ने कहा,……अब हमें यहां से आगे बढना है और यदि हम दिल्ली को आदर्श राज्य के रुप में पेश कर पाए तो मैं महसूस करता हूं कि उससे देश में और इस दुनिया में नये तरह की राजनीति जन्म लेगी.
यहां एक प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान में इलाज कर रहे आप नेता ने कहा, मैंने इस मुद्दे पर पार्टी के अंदर ही संघर्ष किया. अब हर व्यक्ति कहता है कि हम दिल्ली जीत गए हैं, तो हम अन्य (राज्य में भी) जीतेंगे. क्या हम नेपोलियन हैं जो विजय अभियान पर हैं.
केजरीवाल की टिप्पणी जिंदल नेचर केयर इंस्टीट्यूट में एक अनौपचारिक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान आयी. छियालीस वर्षीय आप नेता खांसी की पुरानी बीमारी और अनियंत्रित शर्करा स्तर के इलाज के लिए पांच मार्च को 10 दिन के लिए इस इंस्टीट्यूट में भर्ती हुए थे.
उन्होंने कहा, हमें व्यवस्था बदलनी है, अतएव हमें दिल्ली में सुशासन और अच्छी व्यवस्था देनी होगी और यदि दिल्ली बदल गयी तो मुझे विश्वास है कि पूरा देश बदल जाएगा. केजरीवाल ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से कहा, हम आप लोगों से चाहते हैं कि आप विचार रखें और आपसभी उसमें शामिल हों. उन्होंने अंताक्षरी कार्यक्रम के तहत गाना गाने में उनका साथ दिया.
केजरीवाल के बयान को पार्टी के लिए दिल्ली में सुशासन पर ध्यान देने के स्पष्ट संदेश के रुप में देखा जा रहा है. अंतर्कलह से जूझ रही आप आतंरिक संकट से निबटने और अपनी सार्वजनिक छवि को हो रहे नुकसान को रोकने की जद्दोजेहद कर रही है. पार्टी का अंतर्कलह उसके संस्थापक सदस्यों- योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति से बाहर निकाले जाने के बाद गहरा गया.
अंतर्कलह ने तब और गंदा रुप ले लिया जब केजरीवाल के विरोधियों के स्टिंग ऑपरेशन सामने आए जिनमें आरोप लगाया कि पिछले साल सरकार बनाने के लिए कांग्रेस के छह विधायकों को तोड़ने की कोशिश की गयी थी. उसके बाद मुम्बई में पार्टी के एक अहम चेहरा अंजलि दमानिया ने पार्टी छोड़ दी.
केजरीवाल की यादव और भूषण ने सार्वजनिक रुप से आलोचना की. दोनों ने उनके कामकाज के तौर तरीके और खुद ही एकतरफ फैसला करने को लेकर सवाल उठाया. इसी बीच, आप संयोजक केजरीवाल का इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने बताया कि आप नेता का शर्करा स्तर और कफ नियंत्रण में हैं.