नयी दिल्ली/कोलंबो : श्रीलंका दौरे के आखिरी दिन आज जाफना में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिंसा में तबाह घर को फिर से बनाकर भारत की ओर से सौंपे जा रहे हैं. भारत की ओर से 27 हजार घर बनाये जा रहे हैं जिससे छोटे छोटे बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा. मोदी ने कहा कि यह घर केवल ईंट और पत्थर से बना हुआ नहीं होगा. यह हिंसा प्रभावित लोगों की खुशहाली का प्रतिक है. आपको बता दें कि श्रीलंका में जाफना एलटीटी प्रभावित क्षेत्र है.
नरेंद्र मोदी ने कहा आज लोकापर्ण की पूजा के दौरान मैंने जब बच्ची से पूछा कि कैसा लग रहा है तो वह बोली मैं काफी खुश हूं और अब पढकर मैं टीचर बनूंगी. उसके इस सपने को सच करने से आगे का भविष्य भी उज्जवल होगा. वह अपने से आगे आने वाली पीढी को भी आगे ले जायेगी. पीएम ने कहा मुझे आज इन परिवार को घर सौंपते हुए काफी खुशी हो रही है. मैं चाहता हूं कि ये परिवार आगे बढे और श्रीलंका के भविष्य को उज्जवल बनायें. आगे भारत की ओर से और 45 हजार घर बनाये जायेंगे. अंत में उन्होंने कहा कि मैं फिर एक बार श्रीलंका को धन्यवाद देता हूं और मुझे उम्मीद है कि दोनों देश कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ेंगे.
इससे पहले श्रीलंका के नये नेताओं से तमिल अल्पसंख्यकों को व्यापक स्वायत्तता प्रदान करने की अपील करने के अगले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर जाफना पहुंचे. श्रीलंका के तमिल बहुल उत्तरी प्रांत के इस युद्ध प्रभावित शहर में पहुंचने वाले वह पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. मोदी पावन नगरी अनुराधापुरा की संक्षिप्त यात्रा के बाद वायुसेना के हेलीकॉप्टर से यहां पहुंचे. अनुराधारापुरा में उन्होंने पवित्र महबोधि वृक्ष की प्रार्थना की और तलैमन्नार में उन्होंने ट्रेन सेवा का उद्घाटन किया.
वह इस युद्ध प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने वाले दूसरे विदेशी नेता हैं. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने नवंबर, 2013 में कोलंबो में हुए राष्ट्रमंडल सम्मेलन के दौरान जाफना की यात्रा की थी. जाफना कोलंबो से उत्तर की दिशा में करीब 400 किलोमीटर पर है. प्रधानमंत्री की इस संक्षिप्त यात्रा को बहुत बडे प्रतीक के रुप में देखा जा रहा है खासकर ऐसे में जब उन्होंने बहुसंख्यक सिंहली सरकार से सुलह की प्रक्रिया के तहत 13 वें संविधान संशोधन को पूरी तरह लागू करने का और उससे भी आगे बढने का आह्वान किया है. तेरहवां संशोधन व्यापक स्वायत्ता प्रदान करने से संबंधित 1987 का एक संविधान संशोधन है.