दिल्ली पुलिस ने राहुल पर जासूसी के आरोप को किया खारिज, कहा उनके घर जाना पुलिस का रुटीन वर्क

नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर कथित जासूसी के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि उनके कार्यालय में पुलिसकर्मी का जाना शख्सियतों से जुडे रहने की एक नियमित कवायद है और इसके पीछे कोई दुर्भावना नही थी. पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने कहा कि अपराध की रोकथाम और पहचान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 14, 2015 4:29 PM
नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर कथित जासूसी के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि उनके कार्यालय में पुलिसकर्मी का जाना शख्सियतों से जुडे रहने की एक नियमित कवायद है और इसके पीछे कोई दुर्भावना नही थी. पुलिस आयुक्त बीएस बस्सी ने कहा कि अपराध की रोकथाम और पहचान तथा कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए समय-समय पर सुरक्षा प्राप्त सभी लोगों के कार्यालयों से इस तरह की जानकारी जुटायी जाती है.
बस्सी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल गांधी पुलिस के निशाने पर नहीं थे. शख्सियतों से जुडे रिकार्ड को रखने की यह नियमित प्रकिया है. पुलिस वीरप्पा मोइली, लालकृष्ण आडवाणी, के चंद्रशेखर राव समेत अन्य के घरों पर गयी थी. गांधी के बारे में विवरण लेने के पीछे कोई छिपी हुयी मंशा नहीं थी.’’ पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस को प्रधानमंत्री कार्यालय या गृह मंत्रालय की ओर से कभी भी राहुल गांधी के घर पर जाने के लिए नहीं कहा गया और जोर दिया कि पुलिस पर कोई राजनीतिक दबाव नहीं है.
बस्सी ने कहा कि राहुल गांधी के घर पर दो पुलिसकर्मी गए थे. हमारे बीट अधिकारी रामेश्वर 12 मार्च को उनके घर पर गए थे और उनके बारे में जानकारी मांगी थी. चूंकि, बीट अधिकारी ऐसे लोगों से सीधे नहीं मिल पाते इसलिए वे कार्यालय के अधिकारियों से संपर्क करते हैं और जरुरी जानकारी संबंधी प्रारुप छोड आते हैं.
बस्सी के मुताबिक, उसी दिन दयाल सांसद कृष्ण पाल गुज्जर, नरेश अग्रवाल, एम वीरप्पा मोइली और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के घर गए थे.उन्होंने बताया कि बीट अधिकारियों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में रह रहे महत्वपूर्ण लोगों के कर्मचारियों से मिलने और उनके बारे में निजी जानकारी रखने का निर्देश है.
बस्सी ने कहा कि पुलिस अमित शाह, सोनिया गांधी जैसे नेताओं, सात रेसकोर्स रोड के बारे में जानकारी रखती है. उन्होंने कहा, ‘‘कई मामले में ऐसे विवरण महत्वपूर्ण भी हैं..मसलन, अगर किसी महत्वपूर्ण नेता के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन होता है तो पुलिसकर्मियों को ऐसी जानकारी के बिना उनके घर को चिन्हित करने और उनके कर्मचारी की पहचान करने में कठिनाई हो सकती है.’’

Next Article

Exit mobile version