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भूमि अधिग्रहण बिल पर गोविन्दाचार्य बोले, सरकार को बेघर पांच करोड लोगों की चिंता नहीं

जयपुर : पर्यावरणविद एवं विचारक के एन गोविन्दाचार्य ने कहा है कि सरकार भूमि अधिग्रहण बिल को लागू करने की कोशिश में लगी है लेकिन उसे इस देश के पांच करोड से ज्यादा बेघर लोगों की चिंता नहीं है.गोविन्दाचार्य आज यहां राजस्थान पत्रिका के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित ‘भारत: बदलते क्षितिज’ कार्यक्रम को […]

जयपुर : पर्यावरणविद एवं विचारक के एन गोविन्दाचार्य ने कहा है कि सरकार भूमि अधिग्रहण बिल को लागू करने की कोशिश में लगी है लेकिन उसे इस देश के पांच करोड से ज्यादा बेघर लोगों की चिंता नहीं है.गोविन्दाचार्य आज यहां राजस्थान पत्रिका के स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित ‘भारत: बदलते क्षितिज’ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि देश में स्मार्ट सिटी बनाने की बात की जा रही है लेकिन आज लोगों को शुद्ध पानी पीने को नहीं मिल रहा है. सरकार की नीतियों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे देश में बुलेट ट्रेन चलाने की बात हो रही है लेकिन सामान्य ट्रेनों में पानी भी नहीं है. लोगों में भरपूर अपेक्षाएं हैं और संकट भी अपार हैं , संभावनाएं भी.
विचारक गोविन्दाचार्य ने कहा कि भारत का विकास जीडीपी से नहीं होगा बल्कि देश का विकास हमारे अपने कार्य करने की क्षमता से होगा. एक दिन ऐसा भी आयेगा कि हम पूरी दुनिया का नेतृत्व करेंगे.कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये जाने माने कानूनविद राम जेठमलानी ने अदालतों में मामलों के अम्बार एवं फैसले आने में लगने वाले समय का मामला उठाते हुए कहा कि यह हमारे देश की विडंबना है कि निर्णय आने में सालों गुजर जाते हैं.

उन्होंने कहा कि हमारे देश में अभी सिर्फ साठ हजार न्यायाधीश कार्यरत हैं जबकि अस्सी हजार जजों की और नियुक्तियां होनी चाहिए तब हम सुचारु रुप से कार्य कर सकेंगे और समय पर लोगों को न्याय मिल सकेगा.जेठमलानी ने न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया पर कहा कि इस प्रक्रिया में सुधार करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्तियों में आम लोगों की भूमिका भी होनी चाहिये जिससे नियुक्ति में पारदर्शिता आ सके.

जेठमलानी ने कहा कि सांसद रहते हुए मैने न्यायाधीशों की नियुक्ति के संबंध में एक निजी विधेयक रखा था जिसमें प्रधानमंत्री, विपक्ष एवं सत्तापक्ष का एक-एक नेता, बार एसोसिएशन का अध्यक्ष, एक सामाजिक कार्यकर्ता और एक पढे-लिखे व्यक्ति को शामिल कर एक समिति बनाने का विचार था, जो जजों की नियुक्ति में विशेष कार्य करते लेकिन किसी कारण यह विधेयक पास नहीं हो सका.उन्होंने कोलीजियम प्रणाली को बंद करने के बारे में कहा कि इसे इसलिए बंद किया गया क्योंकि इसमें भाई भतीजावाद शुरु हो गया था, जो सही नहीं था. जेठमलानी ने दिल्ली में 2013 को हुए निर्भया कांड पर बीबीसी द्वारा बनाई गई डाक्यूमेंटरी पर सरकार द्वारा रोक लगाये जाने को उचित नहीं ठहराया.
एक अन्य सत्र को सम्बोधित करते हुये सामाजिक कार्यकर्ता और सूचना के अधिकार क्षेत्र में काम कर रही नूतन ठाकुर ने कहा कि सरकार को सूचना के अधिकार क्षेत्र में काम करने वाले कार्यकर्ताओं की सुरक्षा का प्रबंध करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में काम करने वाले कार्यकर्ताओं की सुरक्षा का प्रबंध करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में काम कर रही महिलाओं के काम करने पर अंकुश लगाने के लिये उनपर गलत आरोप लगाये जाते हैं. ऐसे मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होनी चाहिये ताकि जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी की पत्नी ठाकुर ने कहा कि सरकारी कार्यालय में सुनवाई नहीं होने के कारण परिवादी दूसरे लोगों की तलाश में रहते हैं जो उनकी बात उचित अधिकारी के पास पहुंचा सके.उन्होंने कहा कि आरटीआई क्षेत्र में काम करने वाले मात्र मीडिया के सहयोग से काम कर पा रहे हैं. सरकारी और राजनीतिक स्तर पर कार्यकर्ताओं को डराने धमकाने का काम किया जा रहा है.

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