2जी पीएमएलए मामला: कल आरोपियों के बयान दर्ज करेगी अदालत

नयी दिल्ली : विशेष सीबीआई अदालत कल टूजी घोटाले से जुडे धनशोधन के मामले के आरोपियों के बयान दर्ज कर सकती है. इन आरोपियों में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और 17 अन्य लोग शामिल हैं. विशेष सीबीआई जज ओ पी सैनी ने बीते चार मार्च को 19 आरोपियों का पक्ष रख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2015 11:58 AM

नयी दिल्ली : विशेष सीबीआई अदालत कल टूजी घोटाले से जुडे धनशोधन के मामले के आरोपियों के बयान दर्ज कर सकती है. इन आरोपियों में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोई और 17 अन्य लोग शामिल हैं. विशेष सीबीआई जज ओ पी सैनी ने बीते चार मार्च को 19 आरोपियों का पक्ष रख रहे वकील को कुल 225 पन्नों पर 400 प्रश्नों वाली प्रश्नावली दी थी और मामले की सुनवाई को कल के लिए निश्चित कर दिया था.

इस मामले के रिकॉर्ड तकनीकी और विस्तृत होने के कारण अदालत ने ये प्रश्नावली दी थी ताकि आरोपियों के बयान ‘आसानी और सुविधाजनक तरीके से’ दर्ज किए जा सकें. बचाव पक्ष के वकील को प्रश्नावली देते हुए जज ने कहा था कि यदि कोई सवाल किसी आरोपी या उसके वकील को समझ नहीं आता है तो वे इसे स्पष्ट रुप से समझने के लिए सवाल पूछ सकते हैं.

इस मामले में राजा, कनिमोई, द्रमुक नेता की पत्नी दयालु अम्मल, स्वान टेलीकॉम प्रा लि के प्रमोटर शाहिद उस्मान बलवा और विनोद गोयनका और नौ कंपनियों समेत 14 अन्य आरोपी अदालती कार्रवाई का सामना कर रहे हैं. प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल 25 अप्रैल को इन लोगों के खिलाफ धनशोधन रोकथाम कानून के तहत आने वाले कथित अपराधों वाला आरोपपत्र दायर किया था.

धनशोधन के मामले में अन्य आरोपियों में कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्रा लि के निदेशक आसिफ बलवा और राजीव अग्रवाल, कैलेगनार टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार, बॉलीवुड निर्माता करीम मोरानी और पी अमृतम शामिल हैं. ये सभी जमानत पर बाहर हैं. अदालत ने आरोपी कंपनियों एसटीपीएल, कुसेगांव रियल्टी प्रा लि :पूर्व में कुसेगांव फ्रूट्स एंड वेजीटेबल्स प्रा लि:, सिनेयुग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्रा लि :पूर्व में सिनेयुग फिल्म्स प्रा लि:, कैलेगनार टीवी प्रा लि, डायनेमिक्स रियल्टी, डीबी रियल्टी लि, एवरस्माइल कंस्ट्रक्शन कंपनी प्रा लि, कॉनवुड कंस्ट्रक्शन्स एंड डेवलपर्स प्रा लि और निहार कंस्ट्रक्शन्स प्रा लि के खिलाफ भी आरोप तय किए हैं. यदि इन आरोपियों पर लगाए गए आरोप सिद्ध हो जाते हैं तो राजा और अन्य लोगों को सात साल तक की सजा हो सकती है.

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