14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

हमने नहीं करायी राहुल गांधी की जासूसी, सुरक्षा कारणों से जुटाया गया उनका ब्योरा : अरुण जेटली

नयी दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कथित जासूसी के विपक्ष के आरोपों का राज्यसभा में जवाब दिया. उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया कि सरकार ने कांग्रेस उपाध्यक्ष या अन्य दूसरे नेताओं की जासूसी करवायी. विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि भला कोई पुलिस वाला किसी […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कथित जासूसी के विपक्ष के आरोपों का राज्यसभा में जवाब दिया. उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया कि सरकार ने कांग्रेस उपाध्यक्ष या अन्य दूसरे नेताओं की जासूसी करवायी. विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि भला कोई पुलिस वाला किसी नेता के ऑफिस में जाकर पूछताछ कर कैसे जासूसी कर सकता है. उन्होंने कहा कि यह अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा से जुडी यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसे समय समय पर किया जाता है. उन्होंने कहा कि यह एनडीए यूपीए का प्रश्न नहीं है. बल्कि वीवीआइपी लोगों की सुरक्षा से जुडा सवाल है. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के तहत ही 536 लोगों का प्रोफाइलिंग फॉर्म भरवाया गया. जेटली ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा, डॉ मनमोहन सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी का भी प्रोफाइलिंग फॉर्म भरवाया गया.
वित्तमंत्री ने कहा कि उनका भी प्रोफाइल फॉर्म भरवाया गया. उन्होंने कहा कि 1998 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की प्रोफाइलिंग हुई थी. उसके बाद अक्तूबर 2004 में, 2009, 2010 व 2011 एवं 2012 में भी ऐसा हुआ. उन्होंने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज, अहमद पटेल, सीताराम येचुरी, शरद यादव की भी प्रोफाइलिंग करवायी गयी. जेटली ने कहा कि देश के प्रमुख लोगों की प्रोफाइलिंग साल दो साल में होती ही है. वे सैर करने कहां जाते हैं, किस साइज का जूता पहनते हैं, अक्सर किस तरह के कपडे पहनते हैं, इस तरह के ब्योरे एकत्र किये जाते हैं. वित्तमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के शव की पहचान उनके जूते के आधार पर ही हुई थी.
जेटली के अनुसार, यह प्रक्रिया 1987 से जारी है. 1999 से यह फॉर्म के स्वरूप में हो रहा है. उन्होंने कहा कि 14 मार्च को राहुल गांधी की प्रोफाइलिंग किये जाने से पहले नरेश अग्रवाल, रमेश विधूडी के यहां पुलिस गयी. वे कद, काठी, आंखों के रंग, लंबाई, अकसर अमुक व्यक्ति कौन सी भाषा बोलता है, जैसे सवाल भी पूछती है. उन्होंने कहा कि वर्तमान राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी जब सक्रिय राजनीति में थे, तब 2001, 2007, 2009, 2012 में उनकी प्रोफाइलिंग की गयी.
विपक्ष की ओर से इस मुद्दे को राज्यसभा में गुलाम नबी आजाद व लोकसभा में मल्लिकाजरुन खडगे ने उठाया.विपक्ष ने आरोप लगाया कि देश में धार्मिक आजादी के साथ राजनीतिक आजादी भी खतरे में है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें