पूर्व थलसेनाध्यक्ष को रिश्वत की पेशकश की रिकॉर्डिंग साफ नहीं: सीबीआई
नयी दिल्ली: सीबीआई ने आज कहा कि भारतीय थलसेना के तत्कालीन प्रमुख वी के सिंह की ओर से दिया गया रिकॉर्डिंग उपकरण, जिसमें कथित तौर पर उन्हें की गयी रिश्वत की पेशकश से जुड़ी बातचीत थी, काम नहीं कर रहा और इससे किसी भी तरह की जानकारी नहीं मिल पा रही. एक फॉरेंसिक रिपोर्ट का […]
नयी दिल्ली: सीबीआई ने आज कहा कि भारतीय थलसेना के तत्कालीन प्रमुख वी के सिंह की ओर से दिया गया रिकॉर्डिंग उपकरण, जिसमें कथित तौर पर उन्हें की गयी रिश्वत की पेशकश से जुड़ी बातचीत थी, काम नहीं कर रहा और इससे किसी भी तरह की जानकारी नहीं मिल पा रही.
एक फॉरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सीबीआई में उच्च-पदस्थ सूत्रों ने बताया कि उपकरण से कुछ आवाजें आयी थीं और केंद्रीय फॉरेंसिक एवं वैज्ञानिक प्रयोगशाला (सीएफएसएल) भेजे जाने के बाद इससे कुछ भी सुनाई नहीं दिया. करीब 14 करोड़ रुपए की कथित रिश्वत की पेशकश के प्रमाण के तौर पर तत्कालीन थलसेना प्रमुख की ओर से दिए गए रिकॉर्डिंग उपकरण से फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने जानकारियां हासिल करने की कोशिश की थी.
करीब 600 ट्रकों से जुड़े करार को मंजूरी देने की एवज में थलसेना के एक वरिष्ठ सेवानिवृत अधिकारी ने तत्कालीन सेना प्रमुख को रिश्वत की पेशकश की थी. सूत्रों ने बताया कि विभिन्न तरीके आजमाने के बावजूद विशेषज्ञ उपकरण से कोई आंकड़ा नहीं निकाल पाए. सिंह ने अपनी शिकायत के समर्थन में रिकॉर्डिंग उपकरण को एक अहम सबूत बताया था.
वी के सिंह ने दावा किया था कि लॉबिस्टों ने घटिया गुणवत्ता वाले 600 वाहनों की खेप की खरीद को मंजूरी देने की एवज में उन्हें रिश्वत की पेशकश की थी.जनरल (सेवानिवृत) सिंह के वकील विश्वजीत सिंह ने बताया कि रिकॉर्डिंग उपकरण में कुछ खराबी है और सीबीआई ने कहा है कि वह आंकड़े हासिल करने की कोशिश करेगी.पूर्व थलसेनाध्यक्ष के वकील ने कहा, ‘‘हो सकता है कि पिछले कुछ समय से सीबीआई के पास रखे-रखे आंकड़े करप्ट हो गए हों.’’रिकॉर्डिंग उपकरण में खराबी से इस मामले में आगे बढ़ने की सीबीआई की उम्मीदें लगभग खत्म हो गयी हैं और जांच एजेंसी अब अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर सकती है.