नितिन गडकरी की सोनिया गांधी व अन्ना हजारे को ललकार, कर लें भूमि अधिग्रहण विधेयक पर सार्वजनिक बहस
नयी दिल्ली : भूमि अधिग्रहण विधेयक को राजनीतिक रंग नहीं देने का आग्रह करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्ना हजारे सहित विभिन्न नेताओं को किसी भी मंच पर खुली चर्चा के लिए पत्र लिखा है और राष्ट्रहित में इसे पारित कराने में सहयोग मांगा है. गडकरी ने […]
नयी दिल्ली : भूमि अधिग्रहण विधेयक को राजनीतिक रंग नहीं देने का आग्रह करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्ना हजारे सहित विभिन्न नेताओं को किसी भी मंच पर खुली चर्चा के लिए पत्र लिखा है और राष्ट्रहित में इसे पारित कराने में सहयोग मांगा है.
गडकरी ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ इस विषय पर सोनिया गांधी, अन्ना हजारे समेत विभिन्न नेताओं एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को किसी भी मंच पर खुली चर्चा के लिए पत्र लिखा है. क्योंकि इस विधेयक के बारे में जो बातें कही जा रही हैं वह जमीनी हकीकत से परे है और इसे राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण विधेयक के पारित होने पर अधिक से अधिक रोजगार सृजित किया जा सकेगा, सिंचाई के साधन विकसित होंगे, सडक सम्पर्क बढेगा, स्कूल और अस्पताल खुल सकेंगे. इसके तहत 80 प्रतिशत अधिग्रहण तो सिर्फ सिंचाई के लिए होगा. सिंचाई के साधन बढेंगे तो खाद्यान्न उत्पादन बढेगा.
गडकरी ने दावा किया कि संप्रग सरकार ने जो कानून बनाया था उसमें 13 ऐसे कानून थे जो इसके दायरे में नहीं थे जिसमें कोयला, रेलवे से जुडे मामले शामिल हैं. हमने इसमें ग्रामीण आधारभूत संरचना, रक्षा के साथ औद्योगिक कारिडोर जोडा है.
उन्होंने कहा कि इसलिए यह कहना गलत है कि यह किसान विरोधी है बल्कि इसमें तो किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए विशेष ध्यान रखा गया है और भूमि अधिग्रहण का मुआवजा बढाकर चार गुणा किया गया है.
गडकरी ने कहा, ‘‘ हम विपक्ष और सामाजिक कार्याकर्ता अन्ना हजारे एवं अन्य लोगों से कहते हैं कि आप किसी भी मंच पर आएं, चाहे इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रिंट मीडिया या कोई अन्य मंच हो, हम खुली चर्चा करने को तैयार है. इस बारे में खुली चर्चा हो जाए.’’
भूमि अधिग्रहण विधेयक पर मुश्किलों से घिरी नरेंद्र मोदी सरकार ने अब इस विधेयक को किसान हितैषी बताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख कर समर्थन मांगा है. मोदी सरकार की ओर से केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अन्ना, सोनिया सहित दस विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रमुखों को पत्र लिख कर इस विधेयक को राज्यसभा में पारित करवाने के लिए समर्थन मांगा है.
नितिन गडकरी ने कहा भी है कि सरकार विधेयक में आवश्यक संसोधन के लिए तैयार है. उधर, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मुद्दे पर अन्ना हजारे का समर्थन किया है. उन्होंने ऐसा कर उन्हें इस विधेयक के खिलाफमोदी सरकार के विधेयक के खिलाफ गोलबंद करने की कोशिश की है. इससे पहले सोनिया गांधी इस मुद्दे पर 14 पार्टियों को एकजुट करने में कामयाब रहीं हैं और निर्विवाद रूप से विपक्ष की सबसे बडी पार्टी का अध्यक्ष होने के कारण उसका नेतृत्व उनके पास है.
वहीं, भाजपा की राजस्थान इकाई में भी विधेयक के प्रावधानों पर असहमति के स्वर उत्पन्न हो गये हैं. आरएसएस पहले से इससे असहमत है. शिवसेना व लोजपा जैसी पार्टियों भी विधेयक से संतुष्ट नहीं हैं और इसमें संशोधन की मांग कर चुकी हैं.