भाजपा और तृणमूल में तकरार पर स्पीकर बोली, क्या मैं दोनों के हाथ में लठ लाकर दे दूं ?

नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल में एक नन से बलात्कार के बाद राज्य में कथित रुप से एक साध्वी के साथ भी ऐसी घटना होने का मुद्दा आज लोकसभा में उठाए जाने पर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों में इस कदर तकरार बढ गई कि अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि क्या वह दोनों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 19, 2015 2:59 PM

नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल में एक नन से बलात्कार के बाद राज्य में कथित रुप से एक साध्वी के साथ भी ऐसी घटना होने का मुद्दा आज लोकसभा में उठाए जाने पर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों में इस कदर तकरार बढ गई कि अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि क्या वह दोनों के हाथ में लठ लाकर दे दें. उन्होंने यह भी कहा कि महिला के साथ र्दुव्‍यवहार के मामलों में किसी भी ओर से राजनीति नहीं होनी चाहिए.

शून्यकाल में भाजपा के एस. एस. आहलुवालिया ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में 71 वर्षीय नन के साथ बलात्कार की घटना का शोर ठंडा भी नहीं पडा था कि राज्य के बर्दवान जिले के कटवा में एक 75 वर्षीय साध्वी के साथ बलात्कार और हत्या की वारदात हुई है.5

उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को देखते हुए राज्य की महिला मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए.तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी ने इसका कडा प्रतिवाद करते हुए दावा किया कि यह बलात्कार का नहीं बल्कि हत्या का मामला है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह बात पुष्ट हो चुकी है.

इस पर आहलुवालिया और बनर्जी के बीच देर तक तकरार होती रही. दोनों एक दूसरे की ओर हाथ उठा-उठा कर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहे. दोनों से शांत रहने का स्पीकर बार बार आग्रह करती रहीं लेकिन मामला शांत नहीं होने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं दोनों के हाथ में लठ लाकर दे दूं क्या? यह क्या हो रहा है? लडना है तो बाहर जाकर लडो. ..यह अच्छा नहीं है, दोनों सदन का समय बर्बाद कर रहे हैं. ..अब तो हद हो गई है, यह सदन इसके लिए नहीं बना है.’’

स्पीकर ने यह भी कहा कि अगर किसी महिला पर दुर्व्यवहार होता है तो कृपा करके उस मामले को उठाएं लेकिन उस पर राजनीति नहीं करें. इस पर एक दूसरे पर लाछंन लगाना ठीक नहीं है.अध्यक्ष की फटकार के बाद मामला शांत हुआ.

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