आप ने योगेंद्र-प्रशांत की मांग मानी, पीएसी की बैठक का ब्योरा किया सार्वजनिक

नयी दिल्ली: असंतुष्ट नेताओं-योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की मांग मानते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने आज पहली बार अपनी राजनीतिक मामले समिति (पीएसी) की बैठक का ब्योरा सार्वजनिक किया जिसे पार्टी के दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच सुलह के प्रयास का संकेत समझा जा रहा है. पार्टी ने कौशांबी में दिल्ली के मुख्यमंत्री […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 20, 2015 6:46 PM

नयी दिल्ली: असंतुष्ट नेताओं-योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण की मांग मानते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने आज पहली बार अपनी राजनीतिक मामले समिति (पीएसी) की बैठक का ब्योरा सार्वजनिक किया जिसे पार्टी के दोनों प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच सुलह के प्रयास का संकेत समझा जा रहा है.

पार्टी ने कौशांबी में दिल्ली के मुख्यमंत्री के निवास पर हुई पीएसी की बैठक का ब्योरा अपनी वेबसाइट पर डाला है.भूषण ने पिछले महीने राष्ट्रीय कार्यकारिणी (एनई) के सदस्यों को भेजे पत्र में एनई और पीएसी की बैठकों के ब्योरे को सार्वजनिक नहीं करने को लेकर पार्टी को खरी खोटी सुनाई थी.

कार्यकर्ता-वकील ने कहा था, ‘‘एनई-पीएसी के फैसलों को रिकार्डिंग के अभाव से ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है जहां एनई के फैसले (पिछले साल सरकार से इस्तीफा देने के बाद पार्टी द्वारा दिल्ली में सरकार गठन के लिए कांग्रेस से समर्थन नहीं मांगने का फैसला) का बार बार उल्लंघन किया गया. ’’ (पीएसी और एनई की बैठकों के ब्योरे को सार्वजनिक करने के) पार्टी के इस फैसले को दोनों गुटों के बीच सुलह के प्रयास की दिशा में उठाए गए कदम के रुप में देखा जा रहा है.

आप के दोनों गुट पार्टी के कामकाज में और पारदर्शिता लाने एवं उसे आरटीआई के दायरे में लाने समेत विभिन्न विवादास्पद मुद्दों के हल के लिए पिछले कुछ दिनों से बातचीत में लगे हैं.आप की पीएसी ने 17 मार्च को अपनी एक बैठक में देशभर में पार्टी संगठन खडा करने और उसका विस्तार करने का एक बडा फैसला किया था. उसके लिए पार्टी के महत्वपूर्ण नेता, कार्यकर्ता, स्वयंसेवकों को बडी जिम्मेदारियां दी जाएंगी.

इस बैठके विवरण के अनुसार, ‘‘आप की पीएसी’ ने निर्णय लिया है कि देश में कहां और कब चुनाव लडा जाए-यह तय करने से पहले संगठन की ताकत, स्थानीय नेतृत्व की ताकत और राजनीतिक वास्तविकताओं का आकलन किया जाएगा. देशभर में सक्रिय स्वयंसेवकों की एक सूची तैयार की जाएगी और निर्णय लेने की प्रक्रिया में स्वयंसेवकों को शामिल करने के बाद ही पार्टी सारे फैसले करेगी’’ इस विवरण में कहा गया है, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए एक समिति बनायी जाएगी कि स्वयंसेवकों की सकिय भागीदारी के लिए राजनीतिक संगठन के संचालन और राजनीतिक योजना के विकेंद्रीकरण के लिए उचित प्रक्रिया तैयार की जाए. ’’

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