हिंदू सेना के कार्यकर्ता ने किया टुंडा पर हमला
नयी दिल्ली : राजधानी दिल्ली स्थित पटियाला हाउस अदालत परिसर के बाहर हिंदू सेना के एक कथित कार्यकर्ता ने आज पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्करे तैयबा के कथित बम विशेषज्ञ अब्दुल करीम टुंडा पर उस समय हमला किया जब उसे एक अदालत में ले जाया जा रहा था. हमलावर ने 70 वर्षीय टुंडा की पीठ पर […]
नयी दिल्ली : राजधानी दिल्ली स्थित पटियाला हाउस अदालत परिसर के बाहर हिंदू सेना के एक कथित कार्यकर्ता ने आज पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्करे तैयबा के कथित बम विशेषज्ञ अब्दुल करीम टुंडा पर उस समय हमला किया जब उसे एक अदालत में ले जाया जा रहा था. हमलावर ने 70 वर्षीय टुंडा की पीठ पर मारा. हमलावर का प्रयास संदिग्ध आतंकवादी के मुंह पर थप्पड़ मारने का था लेकिन टुंडा के साथ चल रहे पुलिसकर्मियों ने इस प्रयास को विफल कर दिया.
टुंडा को मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट जय थरेजा की अदालत में पेश किया गया. न्यायाधीश ने टुंडा के खिलाफ सुनवायी तब बंद कमरे में करने का निर्णय किया जब एक वकील ने खचाखच भरे अदालत कक्ष में टुंडा के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी. इसके बाद अदालत कक्ष में खलबली मच गई. दिल्ली पुलिस ने टुंडा से उसकी आतंकवादी संबंधों से पूछताछ करने के लिए उसकी 10 दिन की हिरासत की मांग की लेकिन अदालत उसे चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
माफिया सरगना दाउद इब्राहिम का कथित नजदीकी सहयोगी टुंडा भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक होने के साथ ही लश्करे तैयबा का बम बनाने वाला भी है. वह गत 19 वर्षों से कई देशों में भागता फिर रहा था. उसे हाल में भारत-नेपाल सीमा से गिरफ्तार किया गया. टुंडा उन 20 आतंकवादियों में से एक है जिन्हें भारत ने मुम्बई आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान सरकार से सौंपने के लिए कहा था. उसके बारे में संदेह है कि वह देश में 40 बम धमाकों में शामिल था. वह आतंकवादियों की सूची में गिरफ्तार होने वाला पहला आतंकवादी है.
दिल्ली पुलिस के अनुसार टुंडा लश्करे तैयबा का जाना माना विस्फोटक विशेषज्ञ है जिसकी 1993 के मुम्बई श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट, 1997-1998 दिल्ली बम विस्फोट और उत्तर प्रदेश में श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के साथ ही पानीपत, सोनीपत, लुधियाना और हैदराबाद में हुए बम विस्फोटों के मामले में उसकी भूमिका के लिए तलाश थी.