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विरोध प्रदर्शन के बीच केरल विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

तिरुवनंतपुरम : केरल विधानसभा की कार्यवाही आज अनिश्‍चित काल के लिए स्थगित कर दी गई. विधानसभा में वित्त मंत्री के एम मणि पर रिश्‍वत लेने के खिलाफ लगातार हंगामे का दौर जारी है. उल्लेखनीय है कि इसको लेकर विधानसभा में भाजपा और माकपा के लोगों ने जमकर हंगामा किया था और वित्त मंत्री को बजट […]

तिरुवनंतपुरम : केरल विधानसभा की कार्यवाही आज अनिश्‍चित काल के लिए स्थगित कर दी गई. विधानसभा में वित्त मंत्री के एम मणि पर रिश्‍वत लेने के खिलाफ लगातार हंगामे का दौर जारी है. उल्लेखनीय है कि इसको लेकर विधानसभा में भाजपा और माकपा के लोगों ने जमकर हंगामा किया था और वित्त मंत्री को बजट पढने से भी रोका था. विपक्ष ने विधानसभा में वित्त मंत्री और स्पीकर को घुसने से रोका था साथ ही फर्नीचर को भी नुकसान पहुंचाया था.

आज एक बार फिर रिश्वत मामले को लेकर वित्त मंत्री के एम मणि के खिलाफ माकपा की अगुवाई में विपक्षी एलडीएफ के लगातार विरोध के बीच बिना चर्चा कराए ही वित्त और विनियोग विधेयकों को पारित किया गया और केरल विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. एक सप्ताह तक अवकाश के बाद सदन की कार्यवाही आज जब शुरू हुयी विपक्षी सदस्यों ने अपने पांच सदस्यों का निलंबन वापस लिये जाने की मांग करते हुए सदन तक मार्च निकाला. बजट पेश किये जाने के दिन 13 मार्च को इन सदस्यों ने विधानसभाध्यक्ष का आसन तोड दिया था जिसकी वजह से उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई थी.

एलडीएफ ने यूडीएफ के विधायकों पर कार्रवाई की मांग की जिन्होंने बजट के दिन उनके पक्ष की महिला विधायकों पर कथित तौर पर हमला किया था। हालांकि, मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया. विधानसभाध्यक्ष एन संकटन ने सदन की कार्यवाही सुचारु तरीके से चलाने के लिए विपक्ष से सहयोग मांगा लेकिन एलडीएफ अपने विरोध पर अडा रहा जिसके बाद उन्होंने प्रश्न काल सहित सभी कामकाज रद्द कर दिए. बाद में केरल विनियोग :लेखानुदान: विधेयक और केरल वित्त विधेयक 2015 लाया गया जिसे सदन ने पारित कर दिया.

विधासभाध्यक्ष ने 13 मार्च को अप्रत्याशित हिंसा के मद्देनजर गतिरोध खत्म करने के लिए सत्ता और विपक्ष दोनों तरफ के नेताओं की एक बैठक बुलायी थी। उस घटना की वजह से पांच विधायकों- वी शिवनकुट्टी, के टी जलील, ई पी जयराजन, के कुंजअहमद और के अजित को निलंबित किया गया था. लेकिन, बैठक में मामले पर सहमति नहीं बन पायी. सदन की कार्यवाही शुरु होते ही माकपा के वरिष्ठ नेता वी एस अच्युतानंदन ने कहा कि एलडीएफ विधायकों के खिलाफ कार्रवाई ‘एकतरफा’ है और यूडीएफ के उन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जिन्होंने उनके पक्ष की महिला विधायकों से कथित तौर पर बदसलूकी की थी.

सत्र खत्म होने के बाद अच्युतानंदन की अगुवाई में एलडीएफ सदस्यों ने सदन की ओर मार्च किया और विधानसभा परिसर में धरना दिया. बजट सत्र नौ मार्च को शुरु हुआ था और कार्यवाही छह अप्रैल तक निर्धारित की गयी थी. बाद में विधानसभा में मीडिया कक्ष में संवाददाताओं से बात करते हुए चांडी ने सदन के जल्द स्थगित होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और ‘अडियल’ रुख के लिए एलडीएफ पर दोष मढा. उन्होंने कहा कि विपक्ष ने महिला विधायकों से कथित बदसलूकी का मामला बजट के दिन सदन के भीतर अपने सदस्यों के ‘अनुचित’ व्यवहार का बचाव करने के लिए उठाया.

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