मध्य प्रदेश : कांग्रेसी सदस्यों ने विधानसभा में रातभर दिया धरना
भोपाल : मध्य प्रदेश में किसानों के हित के लिए कांग्रेस विधायक ने रातभर धरना दिया. मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने हाल ही प्रदेश में आंधी, तूफान, बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को सरकार से तत्काल राहत दिये जाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया […]
भोपाल : मध्य प्रदेश में किसानों के हित के लिए कांग्रेस विधायक ने रातभर धरना दिया. मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार को प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने हाल ही प्रदेश में आंधी, तूफान, बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को सरकार से तत्काल राहत दिये जाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जो रातभर चला जबकि विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये कल ही स्थगित कर दी.
सदन में मंगलवार को प्रदेश के अनेक जिलों में आंधी, तूफान, बारिश और ओलों को लेकर हुई चर्चा का मुख्यमंत्री ने जब अपना जवाब दिया तो विपक्ष के सदस्यों ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा प्रभावित किसानों को तत्काल राहत प्रदान किये जाने को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है. मुख्यमंत्री के जवाब के पश्चात जब विपक्षी सदस्य अपना विरोध दर्ज करा रहे थे तभी विधानसभा अध्यक्ष ने राष्ट्रगान के लिये पुकारा और राष्ट्रगान समाप्त होते ही उन्होंने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दी.
सभा की कार्यवाही समाप्त होते ही कांग्रेस के सदस्य उत्तेजित हो गये और उन्होंने सदन में अनिश्चितकालीन धरना देने की घोषणा कर दी. नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने कहा कि पिछले तीन सालों से लगातार ओलावृष्टि और असमय बारिश से किसानों की कमर टूट गई है इसलिये जिन किसानों को पिछली फसलों को नुकसान नहीं मिला है उसका भुगतान 15 दिनों में किया जाये.
कटारे ने गेहूं पर 150 रुपये बोनस दिये जाने, उनके बिजली के बिल माफ किये जाने, किसानों पर ब्याज माफ किये जाने और रिण की वसूली तत्काल स्थगित किये जाने की भी मांग की. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उनका धरना अनिश्चतकाल के लिये है और जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती तब तक यह जारी रहेगा. संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्र ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि उन्होने कांग्रेसी सदस्यों को समझाने का प्रयास किया और उनकी बातचीत सकारात्मक रही है. हालांकि कांग्रेसी सदस्यों ने धरना समाप्ति के संकेत नहीं दिये है. इससे पहले सदन ने ध्वनिमत से 10 हजार 657 करोड रुपये से अधिक की द्वितीय अनपूरक मांगों को स्वीकृति प्रदान कर दी.