मंगल मिशन ने पूरे किए छह महीने, जीवन काल छह महीने के लिए बढाया गया
बेंगलूर : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन :इसरो: के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश के मंगल मिशन ने मंगलवार को लाल ग्रह की परिक्रमा के छह महीने पूरे कर लिए. उन्होंने यह भी कहा कि आश्यकता से अधिक ईंधन होने के कारण मिशन को और छह महीने की अवधि के लिए बढा दिया गया […]
बेंगलूर : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन :इसरो: के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देश के मंगल मिशन ने मंगलवार को लाल ग्रह की परिक्रमा के छह महीने पूरे कर लिए. उन्होंने यह भी कहा कि आश्यकता से अधिक ईंधन होने के कारण मिशन को और छह महीने की अवधि के लिए बढा दिया गया है. इसरो के प्रवक्ता देवीप्रसाद कार्णिक ने बताया, ‘‘मंगलयान ने मंगलवार को मंगल की परिक्रमा के छह महीने पूरे कर लिए. इसकी अवधि और छह महीने के लिए बढाई गई है. करीब 37 किलोग्राम ईंधन उपलब्ध है. हमारा मानना है कि उस वक्त तक के लिए ईंधन की यह मात्र पर्याप्त है.’’
अंतरिक्ष के क्षेत्र में इतिहास रचते हुए भारत ने 24 सितंबर 2014 को मंगल ग्रह की कक्षा में अपने कम कीमत वाले मंगलयान को पहले ही प्रयास में सफलतापूर्वक स्थापित किया था. यह उपलब्धि हासिल कर भारत तीन देशों के प्रतिष्ठित क्लब में शामिल हो गया. करीब 450 करोड रुपये की लागत से विकसित मंगलयान सबसे सस्ता अंतर-ग्रहीय मिशन है. इस मिशन पर महज 7.4 करोड अमेरिकी डॉलर का खर्च आया जबकि हॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म ‘ग्रैविटी’ के निर्माण में 10 करोड अमेरिकी डॉलर की अनुमानित लागत आई थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्स ऑर्बिटर मिशन को एक ऐतिहासिक अवसर करार देते हुए कहा था कि देश ने असंभव जैसी हासिल कर ली है. कार्णिक ने कहा कि मंगलयान आठ जून से 22 जून तक 15 दिनों के लिए ‘‘ब्लैकआउट’’ चरण से गुजरेगा. उन्होंने कहा, ‘‘इस अवधि के दौरान सूरज पृथ्वी और मंगल ग्रह के बीच आ जाएगा जिससे इस उपग्रह से संपर्क टूट जाएगा. उस समय मार्स ऑर्बिटर मिशन स्वतंत्र अवस्था में चला जाएगा और अपने निर्णय करेगा. हमें उस वक्त ईंधन की खपत के बारे में पता नहीं चलेगा, जब उससे संपर्क होगा तभी उसका विश्लेषण किया जाएगा.’’