नयी दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन संबंधी गायब फाइलों के बारे में प्रधानमंत्री द्वारा संसद में बयान देने की विपक्ष की मांग के आगे झुकते हुए सरकार ने आज आश्वासन दिया इस बारे में होने वाली चर्चा के दौरान मनमोहन सिंह हस्तक्षेप कर सकते है.
इस मुद्दे पर हंगामे के कारण आज लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे पुन: शुरु होने पर विपक्ष द्वारा फिर से यह मुद्दा उठाया गया जिस पर संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा, इस मामले में सरकार कुछ भी छिपाना नहीं चाहती है. कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल इस मुद्दे पर बयान देने को तैयार हैं.
उनके बयान पर होने वाली चर्चा में प्रधानमंत्री हस्तक्षेप कर सकते हैं. उनके इस आश्वासन से पहले विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा, सत्र शुरु होने के दिन से ही उनकी पार्टी कहती आयी है कि वह सदन चलाना चाहती है और हम पुन: यह दोहरा रहे हैं. लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हम सरकार को मनमानी करने दें और जो मुद्दे उठें उस पर वह मौन साधे रहें. उन्होंने कहा कि तीन दिन पहले हमने सिर्फ यह मांग की थी कि गायब फाइलों के बारे में प्रधानमंत्री सदन में बयान दें कि फाइलें कैसे गायब हुई और उन्हें वापस लाने के क्या प्रयास किए जा रहे हैं.
विपक्ष की नेता ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की निगरानी में सीबीआई कोयला घोटाले की जांच कर रही है लेकिन जांच एजेंसी को फाइलें उपलब्ध नहीं करायी जा रही हैं.
सरकार से उन्होंने जानना चाहा कि वह क्यों अड़ी हुई है और यह आश्वासन क्यों नहीं दे रही है कि प्रधानमंत्री सदन में आकर बयान देंगे. ऐसा आश्वासन आने पर हम सदन को चलने देंगे.
सरकार ने आज कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन संबंधी फाइलें गायब हो जाने के मुद्दे पर संसद में होने वाली चर्चा में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हस्तक्षेप कर सकते हैं.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कोयला मंत्रालय से फाइलें गायब होने के मुद्दे पर आज राज्यसभा में यह घोषणा उस समय की जबकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा और अन्नाद्रमुक के सदस्य प्रश्नकाल में इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान की मांग कर रहे थे. उस समय प्रधानमंत्री सदन में उपस्थित थे.
इस मुद्दे पर हंगामे के कारण आज उच्च सदन की बैठक शुरु होने के कुछ ही देर बाद 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गयी थी.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता और कई सदस्यों की मांग पर इस मुद्दे पर मंगलवार को कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने बयान दिया था. उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने स्पष्टीकरण मांगे और मंत्री ने स्पष्टीकरण भी दिए. लेकिन चर्चा बेनतीजा रही. हम इस चर्चा को पूरी करने के लिए तैयार हैं और अगर आवश्यक हुआ तो प्रधानमंत्री भी हस्तक्षेप कर सकते हैं.
उन्होंने यह बात तब कही जब विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने कहा कि जायसवाल के बयान से विपक्ष संतुष्ट नहीं है और प्रधानमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए. उन्होंने कहा प्रधानमंत्री सदन में मौजूद हैं और उन्हें अपनी प्रतिक्रिया देनी चाहिए.
प्रश्नकाल स्थगित करने के लिए अन्नाद्रमुक के वी मैत्रेयन ने नोटिस दिया था. उन्होंने कहा कि सीबीआई निदेशक ने फाइलों के गायब होने को जांच के लिए गंभीर झटका बताया है.
संसद में कोलगेट की फाइलों को लेकर गतिरोध को देखते हुए सरकार ने बीजेपी का सुझाव मान लिया है. सरकार इस मामले में कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के बयान पर राज्यसभा में बहस को तैयार है. इस बहस के दौरान अगर जरूरी हुआ, तो प्रधानमंत्री खुद भी दखल दे सकते हैं.
संसद का मॉनसून सत्र अब 5 सितंबर तक चलेगा. उल्लेखनीय है कि संसद में मॉनसून सत्र की कार्यवाही पहले 31 अगस्त तक ही निर्धारित थी. इससे पहले कोयला मंत्रालय से जुड़ी फाइलें गुम होने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जवाब देने तथा एकीकृत आंध्रा समेत विभिन्न मांगों को लेकर कई दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुरु होने के कुछ ही मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई.
आज सुबह सदन की कार्यवाही शुरु होने पर भाजपा सदस्य कोयला ब्लाक आवंटन का मुद्दा उठाने लगे. वे इस मामले में कोयला मंत्रालय की गुम फाइलों पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जवाब देने की मांग कर रहे थे.
भाजपा सदस्य नारे लगा रहे थे, ‘‘बोलो प्रधानमंत्री बोलो, फाइल का राज खोलो.’’ उधर तेदेपा सदस्य एकीकृत आंध्र की मांग करते हुए आसन के समीप आ गए जबकि गैर तेलंगाना क्षेत्र के कुछ कांग्रेसी सदस्य एकीकृत आंध्रा के समर्थन में हाथों में पोस्टर लिये अगली पंक्ति में आ गए. बिहार में धमारा घाट रेलवे स्टेशन पर रेल राज्यमंत्री अधीर रंजन चौधरी के बयान का विरोध करते हुए जदयू सदस्य आसन के समीप आ गए और उनके इस्तीफे की मांग करने लगे.
अन्नाद्रमुक सदस्यों को भी आगे आकर कुछ कहते देखा गया. लेकिन शोर शराबे में उनकी बात नहीं सुनी जा सकी. अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से अपने स्थानों पर जाने और कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया, लेकिन शोर शराबा जारी रहा. हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई.