आरटीआई संशोधन विधेयक स्थायी समिति को भेजने की मांग

नयी दिल्ली: राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई के दायरे से बाहर रखने के लिए कानून में संशोधन को लेकर सिविल सोसाइटी के विरोध के बीच एक सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को पत्र लिखकर प्रस्तावित विधेयक को विस्तृत चर्चा के लिए किसी उचित स्थायी समिति के विचारार्थ भेजने का आग्रह किया है. सूचना का अधिकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 22, 2013 6:43 PM

नयी दिल्ली: राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई के दायरे से बाहर रखने के लिए कानून में संशोधन को लेकर सिविल सोसाइटी के विरोध के बीच एक सांसद ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को पत्र लिखकर प्रस्तावित विधेयक को विस्तृत चर्चा के लिए किसी उचित स्थायी समिति के विचारार्थ भेजने का आग्रह किया है.

सूचना का अधिकार (संशोधन) विधेयक 2013 राजनीतिक पार्टियों को इस कानून के दायरे से बाहर रखने का प्रावधान करता है. इसके कल लोकसभा में चर्चा के लिए आने की संभावना है.ओडिशा के केंद्रपाडा से बीजद सांसद बैजयंत पांडा ने अपने पत्र में कहा कि प्रस्तावित विधेयक पर भलीभांति चर्चा की आवश्यकता है. इसे हंगामे या शोरशराबे के बीच नहीं पारित कराया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि पार्टियों के वित्तपोषण और खर्च सहित राजनीतिक पारदर्शित लागू करने के लिए चुनाव आयोग की शक्तियां बढानी होंगी.

पांडा ने कहा कि जहां तक राजनीतिक पार्टियों को आरटीआई के दायरे में लाने की बात है, ‘‘मेरी निजी राय है कि इसके लिए सही संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग होना चाहिए. राजनीतिक पारदर्शिता लागू करने के लिए उसके अधिकार बढाने की जरुरत है.’’उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों द्वारा सौंपे जाने वाले खातों की अनिवार्य आडिट करानी चाहिए.‘‘बडे पैमाने पर जनता की आलोचनाओं के मद्देनजर जब तक ये सब लागू नहीं हो जाता, आरटीआई में प्रस्तावित संशोधन को पारित करना गलत होगा.’’

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