नीरा राडिया का फोन टैप करने का आदेश और मूल रिकार्ड पेश किया जाये: न्यायालय
नयी दिल्ली: केंद्र सरकार नीरा राडिया के टेलीफोन टैप करने के लिये अधिकृत किये जाने से संबंधित मूल रिकार्ड उच्चतम न्यायालय में पेश नहीं कर सकी. न्यायालय ने इसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया. केंद्र सरकार को आज न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष उस समय शर्मसार होना पड़ा जब मूल रिकार्ड […]
नयी दिल्ली: केंद्र सरकार नीरा राडिया के टेलीफोन टैप करने के लिये अधिकृत किये जाने से संबंधित मूल रिकार्ड उच्चतम न्यायालय में पेश नहीं कर सकी. न्यायालय ने इसे ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया. केंद्र सरकार को आज न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष उस समय शर्मसार होना पड़ा जब मूल रिकार्ड पेश करने में उसकी असफलता के बाद न्यायालय ने फोन टैपिंग पर उसके दृष्टिकोण को सुनने से इंकार कर दिया.
न्यायाधीशों ने अपने आदेश में कहा, ‘‘यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत सरकार के वकील न्यायालय की मदद करने की स्थिति में नहीं है.’’ इसके साथ ही न्यायालय ने केंद्र सरकार को राडिया के टेलीफोन टैपिंग से संबंधित सारा मूल रिकार्ड 27 अगस्त को पेश करने का निर्देश दिया. न्यायलय ने 2008-09 में टेलीफोन निगरानी के मसले को देखने वाली समीक्षा समिति की कार्यवाही का विवरण भी पेश करने का निर्देश दिया है.
न्यायाधीशों ने अतिरिक्त सालिसीटर जनरल पी पी मल्होत्र से कहा, ‘‘पहले आप रिकार्ड पेश कीजिये. हम अभी आपको नहीं सुनेंगे.’’ न्यायालय ने सरकारी आदेशों के नमूने पेश करने पर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया क्योंकि इनमें भी विसंगतियां थी. वित्त मंत्री को 16 नवंबर, 2007 को मिली एक शिकायत के आधार पर नीरा राडिया के फोन की निगरानी शुरु हुयी थी और उसकी बातचीत रिकार्ड की गयी थी. इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि नौ साल की अल्पवधि के भीतर उसने 300 करोड़ रुपए का कारोबार खड़ा कर लिया है.