रालेगण सिद्धि, महाराष्ट्र: राजग सरकार के भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ पिछले दिनों राष्ट्रव्यापी ह्यजेल भरो आंदोलनह्ण की घोषणा करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज दावा किया कि वह जो काम करते हैं, उसके लिए उन्हें कभी विदेशी चंदा या पूंजीपतियों से धन नहीं मिला.
हजारे ने अहमदनगर जिले में अपने गांव में जारी बयान में कहा, मैं विदेशी चंदा मिलने और पूंजीपतियों से धन मिलने के आरोपों को खारिज करता हूं. उन्होंने कहा, अगर कोई साबित कर दे कि हमारे आंदोलनों को विदेशी धन मिलता है तो मैं सामाजिक कायोंर् से संन्यास ले लूंगा. इससे पहले एक पत्रिका ने गांधीवादी हजारे को विदेशी एजेंट करार दिया था.
मध्य प्रदेश से प्रकाशित पत्रिका में आरोप लगाया गया था कि हजारे के गैर-सरकारी संगठन विदेशी चंदा लेते हैं और विकास कायोंर् को रोकते हैं.हजारे ने कहा, जब भी मैं जनसभाओं को संबोधित करता हूं तो मैं एक थैला रखता हूं और लोगों से 5 से 15 रुपये का चंदा मांगता हूं. एकत्रित किये गये एक एक रुपये का हिसाब रखा जाता है.77 वर्षीय हजारे ने कहा कि बेबुनियाद आरोप लगाने वालों के प्रयास सफल नहीं होंगे और वित्तीय लेनदेन में वह पारदर्शी रहे हैं.
हजारे ने उन्हें मिली जान से मारने की धमकियों का भी जिक्र किया.उन्होंने कहा, कुछ लोग कहते हैं कि वे मुझे उसी तरह मार देंगे जिस तरह नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को मारा था.