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घमासान के बीच आप कार्यकारिणी की बैठक खत्म, 22 को संसद घेराव का फैसला

नयी दिल्ली :आज आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद में हुए नाटकीय घटनाक्रम के बीच यह बैठक खत्म हो गयी. बैठक में पांच अहम मुद्दों पर फैसला किया गया. बैठक के बाद पार्टी नेता संजय सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गये. उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2015 10:21 AM

नयी दिल्ली :आज आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद में हुए नाटकीय घटनाक्रम के बीच यह बैठक खत्म हो गयी. बैठक में पांच अहम मुद्दों पर फैसला किया गया. बैठक के बाद पार्टी नेता संजय सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गये. उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में पांच बडे फैसलों का जिक्र किया. इनमें से राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए रणनीति बनाने पर लिया गया फैसला महत्वपूर्ण है. उन्होंने चार अहम फैसलों के तहत चार समितियां बनाने के निर्णय का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि अगले एक सप्ताह में समितियों के नामों की घोषणा कर दी जाएगी. उन्होंने पांचवें अहम फैसले के बारे में बताया कि पार्टी 22 अप्रैल को भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में संसद का घेराव करेगी.

ठीक इसके पहले आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आज हुए घमासान के बीच योगेंद्र यादव ने केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अंदर में हमारे कार्यकर्ताओं की पिटाई हो रही थी और केजरीवाल अपने भाषण में हमपर आरोप लगाये जा रहे थे. हमने केजरीवाल का ध्यान इस और दिलाया भी , उनसे कहा कि देखिए कार्यकर्ताओं को पीटा जा रहा है लेकिन केजरीवाल अपना भाषण देते रहे.

केजरीवाल गुट के नेता संजय सिंह के प्रेस कांफ्रेस के बाद योगेंद्र-प्रशांत गुट के नेताओं ने भी प्रेस कांफ्रेस किया योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने आम आदमी पार्टी की स्थापना लोकतंत्र की नयी मर्यादा गढने के लिए किया था. हमने जनता से दावा किया था कि हम इस देश को राजनीति की मिसाल देंगे. हम देश को अहंकार और गुंडागर्दी से मुक्त राजनीति देंगे. लेकिन मुझे यह कहते हुए शर्म आ रही है कि आज इसी पार्टी में यह सब हो रहा है. आज ऐसा लग रहा है जैसे लोकतंत्र की हत्या कर दी गयी है.

योगेंद्र यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हमारे कुछ सदस्यों को बैठक में जाने भी नहीं दिया गया. अंदर सुरक्षा की भी कोई व्यवस्था नहीं थी. हमारे मेंबर्स पिटते रहे और केजरीवाल केवल हमपर आरोप लगाते रहे. योगेंद्र यादव ने आरोप लगाया कि पार्टी के आंतरिक लोकपाल एडमिरल रामदास को भी बैठक में आने से मना कर दिया गया.

केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वह केवल आरोप लगाकर बैठक से बाहर चले गये और गोपाल राय को अध्यक्ष बना दिया. लेकिन पूरे घटनाक्रम के दौरान गोपाल राय मूर्ति बने रहे. उन्होंने आरोप लगाया कि बैठक में वोटिंग मेंबर्स से ज्यादा नन वोटिंग मेंबर्स थे. इस बारे में जब गोपाल राय से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो भी कहना है उसे लिखित रुप में दिजिए. योगेंद्र यादव के साथ प्रेस कांफ्रेंस में प्रशांत भूषण, प्रो आनंद कुमार भी मौजूद थे.

इसके पहले आम आदमी पार्टी की चल रही राष्‍ट्रीय परिषद की बैठक के बीच में पत्रकारों से बात करते हुए राष्‍ट्रीय सचिव संजय सिंह ने कहा कि बैठक के दौरान कोई भी मारपीट नहीं हुई है. उन्‍होंने कहा कि जिस समय पार्टी के राष्‍ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का भाषण चल रहा था, उसी समय रमजान चौधरी खड़े होकर जोर-जोर से चिल्‍लाने लगे. कई सदस्‍यों ने रमजान से कहा कि वे पहले संयोजक की पूरी बात सुन लें उसके बाद अपनी बात रखें.

प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सिंह ने कहा कि पाटी को बदनाम करने की साजिश हो रही है. इससे पहले राष्‍ट्रीय सचिव पंकज गुप्‍ता ने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, अजीत झा व प्रो. आनंद कुमार को पार्टी की राष्‍ट्रीय कार्यक‍ारिणी से निकालने का प्रस्‍ताव लाया गया. इस प्रस्‍ताव पर खुली वोटिंग करायी गयी. प्रस्‍ताव के पक्ष में 247 लोगों ने हाथ उठाकर अपना मत जाहिर किया.

8 लोगों ने प्रस्‍ताव का विरोध किया, जबकि 54 लोगों ने किसी भी पक्ष में वोट करने से इंकार कर दिया. प्रेस कांफ्रेंस में कुमार विश्‍वास भी शामिल थे. इससे पूर्व आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकाल दिया गया है. बैठक में अपना संबोधन समाप्त करने के बाद लगभग 11.55 बजे केजरीवाल सचिवालय के लिए रवाना हो गये. उनके जाने के दस मिनट बाद योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण बाहर आये. बाहर आने के बाद मीडिया से बाद करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि इस बैठक में लोकतंत्र की हत्या हुई है. उन्होंने कहा कि रमजान चौधरी के साथ मारपीट की गयी और उन्हें घसीटकर बाहर कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि बैठक में सुनियोजित तरीके से मारपीट की गयी.

प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को कार्यक‍ारिणी से निकाल दिया गया है. दोनों ने बाहर आकर मीडिया को जानकारी दी कि अंदर गुडागर्दी चल रही है. कार्यकर्त्ताओं को पिटवाया जा रहा है. यादव ने बताया कि अरविंद केजरीवाल भाषण देने के बाद आप की राष्ट्रीय परिषद की बैठक से निकले गये और गोपाल राय को बैठक की अध्‍यक्षता सौंपकर कहा कि अब आगे की कार्रवाई का निरीक्षण राय करेंगे.

राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भूषण और यादव को हटाने का प्रस्ताव भारी बहुमत से पारित किया गया. यादव के समर्थकों में आनंद कुमार और अजीत झा को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी से हटाया गया. योगेंद्र यादव ने कहा कि राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लोकतंत्र की हत्या हुई है. आज काला दिन है. भूषण ने आरोप लगाया कि बैठक में गुंडे बुलाये गये थे. हमारे समर्थकों को बैठक में पीटा गया. यह बैठक पूरी तरह से एक स्वांग थी. बैठक में फर्जी मतदान हुआ. राष्ट्रीय परिषद के जिन सदस्यों ने हमारा समर्थन किया, उनमें से कई लोग घायल हो गये.

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय परिषद की बैठक हंगामे के साथ शुरू हुई.दो धड़े में बंटी पार्टी टूट के कगार पर पहुंच गयी है. बैठक में राष्ट्रीय परिषद के कई सदस्यों को शामिल होने नहीं दिया जा रहा है, जिसके विरोध में योगेंद्र यादव बैठक स्थल के बाहर धरना पर बैठ गये. पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले योगेंद्र यादव आज जब बैठक के लिए वहां पहुंचे, तो केजरीवाल समर्थकों ने उनके साथ धक्का-मुक्की की और उनके खिलाफ नारेबाजी की.

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इस घटना से दुखी योगेंद्र यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि मेरी ही पार्टी के कार्यकर्ता मेरे मुर्दा होने की दुआ करेंगे और मेरे साथ धक्का-मुक्की करेंगे. योगेंद्र यादव ने कहा कि एडमिरल एल रामदास को परिषद की बैठक में शामिल होने की इजाजत नहीं दी गयी है. मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि ऐसा निर्णय क्यों लिया गया. मैंने पार्टी की ओर से उसने माफी मांग ली है, लेकिन यह गलत हो रहा है. इधर परिषद की बैठक के लिए पार्टी नेता मनीष सिसौदिया बैठक स्थल पर पहुंच गये हैं.पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल और कुमार विश्वास भी बैठक स्थल पर पहुंच गये हैं.

राष्ट्रीय परिषद के बैठक स्थल पर जिस तरह का माहौल है, उसे देखकर यह कहा जा सकता है कि पार्टी में अब एकजुटता की बात बेमानी है. पार्टी का दो फाड़ होना तय है. ऐसी भी जानकारी मिल रही है कि अरविंद केजरीवाल बैठक में अपनी बात रखकर चले जायेंगे.

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पार्टी के दोनों धड़ों के बीच चल रहे तीखे वाक युद्ध के बीच कल एक नया ऑडियो टेप सामने आया जिसमें केजरीवाल पार्टी के एक कार्यकर्ता से बातचीत करते हुए भूषण और यादव के खिलाफ कथित तौर पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं. इस टेप में केजरीवाल नयी पार्टी बनाने की धमकी देते नजर आ रहे हैं. इस टेप के सामने आने के बाद पार्टी में विवाद और गहरा गया है. सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार केजरीवाल यह बिलकुल नहीं चाहते हैं कि अब योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पार्टी में रहें, इसलिए बैठक के बाद उनका पार्टी से निकाला जाना तय है.
भूषण और यादव के करीबी लोगों का कहना है कि दोनों नेता यह टेप सुनकर हैरान रह गए और इस नतीजे पर पहुंचे कि बातचीत जारी रखने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि केजरीवाल पहले ही उन्हें पार्टी से बाहर करने का फैसला कर चुके हैं. उधर, सुलह समझौते की वार्ता विफल होने के एक दिन बाद भूषण और यादव ने केजरीवाल पर पार्टी को चंदे के सिद्धांत एवं आंतरिक लोकतंत्र को लेकर समझौता करने का आरोप लगाया. दोनों ने दावा किया कि केजरीवाल ने हमें धमकी दी कि वह अपने सभी विधायकों के साथ मिलकर एक क्षेत्रीय पार्टी गठित कर लेंगे क्योंकि वह हमारे साथ काम नहीं कर सकते.

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