इंटरनेट निगरानी को लेकर भारत ने अमेरिका के समक्ष जताया विरोध

नई दिल्ली : सरकार ने आज बताया कि भारत के इंटरनेट संदेशों की अमेरिका द्वारा कथित तौर पर निगरानी किए जाने के मुद्दे पर उसने वॉशिंगटन के समक्ष चिंता जताई है और वह आंकड़ों और सूचना के प्रसार की सुरक्षा के लिए अपनी क्षमता में वृद्धि कर रही है. संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2013 5:38 PM

नई दिल्ली : सरकार ने आज बताया कि भारत के इंटरनेट संदेशों की अमेरिका द्वारा कथित तौर पर निगरानी किए जाने के मुद्दे पर उसने वॉशिंगटन के समक्ष चिंता जताई है और वह आंकड़ों और सूचना के प्रसार की सुरक्षा के लिए अपनी क्षमता में वृद्धि कर रही है.

संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने आज राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि जून 2013 में दूसरे देशों के मीडिया में खबरें आई कि एक व्यापक इलेक्ट्रानिक निगरानी कार्यक्रम के जरिये अमेरिका की एजेंसियां भारत के इंटरनेट और टेलीफोन संबंधी आंकड़े एकत्र कर रही है. उन्होंने सी पी नारायणन के पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि आम भारतीयों की सूचना की गोपनीयता संबंधी किसी भी कानून का उल्लंघन स्वीकार नहीं है.

सिब्बल ने कहा ‘‘अगर छिप कर एकत्र किए गए आंकड़े को भारतीय नागरिकों या सरकारी अवसंरचना के लिए उपयोग किया जाता है तो यह सरकार के लिए चिंता का विषय है. सरकार ने इस बारे में अपनी चिंता से अमेरिकी सरकार को अवगत करा दिया है.’’

उन्होंने हालांकि कहा कि अमेरिकी एजेंसियां केवल यह पता लगाती हैं कि आंकड़े कहां से भेजे गए और कहां भेजे गए. उन्होंने कभी भी इन आंकड़ों तक पहुंच बनाने की कोशिश नहीं की. इसके लिए अदालत की मंजूरी की जरुरत होती है. सिब्बल ने बताया कि सरकार बेहतर साइबर और टेलीफोन अवसंरचना का निर्माण और नई साइबर तथा दूरसंचार सुरक्षा पद्धतियां तैयार कर आंकड़ों और सूचना के प्रसार की सुरक्षा के लिए अपनी क्षमता में वृद्धि कर रही है.

उन्होंने बताया ‘‘सरकार सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय संगठनों के सर्वरों को भारत में स्थापित कर उन्हें बढ़ावा दे रही है ताकि भारतीय नागरिको के हितों और संचार की गोपनीयता की सुरक्षा की जा सके.’’ सिब्बल के अनुसार, इसके अलावा सरकार बेहतर अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट प्रशासन के मानक तैयार करने के काम को बातचीत के जरिये प्रोत्साहन देने के लिए प्रयासरत है.

उन्होंने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में सूचना और दूरसंचार के क्षेत्र में हो रही गतिविधियों पर संयुक्त राष्ट्र सरकारी विशेषज्ञ दल (यूएनजीजीई) की वार्ताओं में सक्रिय तौर पर शामिल है.

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